भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में तीर्थयात्रा का हिस्सा 2% से अधिक है। मंदिरों की अर्थव्यवस्था 3 लाख करोड़ रुपये की है। इतना ही नहीं, भारत में लोग सामाजिक या शैक्षिक तीर्थयात्राओं की तुलना में धार्मिक तीर्थयात्राओं पर अधिक खर्च करते हैं।
सामाजिक-आर्थिक मामलों पर सर्वे करने वाली केंद्र सरकार की संस्था नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (NSSO) की रिपोर्ट के अनुसार, औसतन 55% हिंदू धार्मिक तीर्थयात्रा करते हैं। इसके लिए प्रति व्यक्ति अनुमानित खर्च 2712 रुपये प्रतिदिन होता है। इसके विपरीत शैक्षिक यात्रा पर प्रतिदिन 2286 रुपये ही खर्च किया जाता है, जबकि सामाजिक यात्रा के पीछे और कम सिर्फ 1068 रुपये की लागत आती है। एक अनुमान के अनुसार, गुजरात के प्रसिद्ध मंदिरों की कुल वार्षिक आय 800 से 1000 करोड़ रुपये है। हालांकि इस मामले में इससे अधिक आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। वैसे कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के राजस्व पर विधानसभा में सवाल-जवाब के दौरान चर्चा होती रहती है।
राज्य में धार्मिक पर्यटन का कारोबार 5,000-7,000 करोड़ रुपये अनुमानित है। रिजनल सैटेलाइट लेखा रिपोर्ट के अनुसार, शैक्षिक उद्देश्यों के लिए एक प्रतिशत से भी कम यात्रा करते हैं। पिछले 5 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा आवंटित राशि में से 600 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं।
भारतीयों के खर्चों की तुलना
Pilgrimage accounts for 2.32% of GDP
जीडीपी में धार्मिक यात्राओं का योगदान | 2.32% |
मंदिरों की अर्थव्यवस्था | 3 लाख करोड़ रुपये |
धार्मिकि यात्रा पर खर्च | 2712रु. रोजाना प्रति व्यक्ति |
सामाजिक यात्रा पर खर्च | 1068 रु. रोजाना प्रति व्यक्त |
शैक्षिक यात्रा पर खर्च | 2286 रु. रोजाना प्रति व्यक्त |
रोजाना धार्मिक यात्रा पर खर्च | 1316 करोड़ प्रतिदिन |
धार्मिक यात्रा पर सालाना खर्च | 4.74 लाख करोड़ |
NSSO रिपोर्ट: इसमें कहा गया है कि राज्य में 9 प्रतिशत से अधिक लोग धार्मिक उद्देश्यों के लिए यात्रा करते हैं, जबकि केवल 2 प्रतिशत लोग व्यापार के लिए यात्रा करते हैं।
गुजरात में पर्यटकों की संख्या 20 साल में 12 गुना बढ़ी
राज्य में सालाना अनुमानित 60 मिलियन पर्यटक आते हैं। 2018-19 में पर्यटकों की संख्या 58 मिलियन थी। पर्यटकों की संख्या 14 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ रही है। राज्य में अधिकांश पर्यटक धार्मिक उद्देश्यों के लिए यात्रा कर रहे हैं। पर्यटन राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 3% योगदान देता है, जिसमें धार्मिक पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुजरात में 3500 साल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है। यहां भगवान कृष्ण सबके हृदय में रहते हैं, और लोग एक-दूसरे को ‘हर हर महादेव’ कहकर बधाई देते हैं। ऐसे गुजरात में पर्यटकों की संख्या पिछले 20 साल में 12 गुना बढ़ी है। 2019-20 के दौरान 609 लाख पर्यटकों ने गुजरात का दौरा किया। गुजरात में अंबाजी से सोमनाथ तक, पलिताना से गिरनार तक और द्वारका से नारायण सरोवर तक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं, जो राज्य के पर्यटकों तक ही सीमित नहीं हैं। शक्तिपीठ अंबाजी और ज्योतिर्लिंग सोमनाथ भी यही हैं।