पर्यावरण पहलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सूरत नगर निगम (SMC)) ने हरित बुनियादी ढांचे (green infrastructure) पर अपनी पूंजी, संचालन और रखरखाव व्यय (expenditure) का 10 प्रतिशत खर्च करने की योजना बनाई है। अधिकारियों का दावा है कि ‘ग्रीन बजट’ का प्रस्ताव देना अपने आप में देश में अनोखा है।
एसएमसी ने हरित पहल के लिए 2023-24 के लिए 450 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। यह एसएमसी के पूंजीगत व्यय (capital expenditure) के लिए प्रस्तावित 3,519 करोड़ रुपये और संचालन और रखरखाव व्यय के लिए 1,000 करोड़ रुपये के कुल प्रस्तावित का 10 प्रतिशत है। प्रमुख फोकस क्षेत्रों में तापी की सफाई सबसे बड़ी है, जिसके लिए 450 करोड़ रुपये में से 255 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इसके लिए पर्यावरण प्रकोष्ठ (environment cell) काम करेगा।
नगरपालिका आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने कहा, “एसएमसी तापी में जाने वाले आउटलेट्स को रोकेगी और उनका मार्ग बदल देगी। इससे नदी के आसपास की पारिस्थितिकी (ecology) में और सुधार होगा।” एसएमसी हरित पहलों के लिए धन जुटाने के मकसद से 100 करोड़ रुपये के ग्रीन म्युनिसिपल बॉन्ड भी लॉन्च करेगी।
अन्य प्रमुख हरित पहलों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उपयोग को बढ़ाना और इसके लिए निवासियों को प्रेरित करना शामिल है। अग्रवाल ने कहा, “हमारे पास डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के लिए 312 ईवी होंगे। इसके अलावा, कचरे को हटाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ट्रैक्टरों को इलेक्ट्रिक टेम्पो से बदल दिया जाएगा और हम 120 ईवी गुलाबी ऑटोरिक्शा देंगे।” शहर में वर्तमान में 150 ईवी बसें हैं और इस वर्ष के दौरान 150 और जोड़ी जाएंगी। पिछले साल 25 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन शुरू करने के बाद इस साल इसकी संख्या को 100 स्टेशनों तक पहुंचाया जाएगा।
अग्रवाल ने कहा, “नागरिक निकाय हरे रंग का एक पुल भी बना रहा है, जहां पुल के नीचे का क्षेत्र वृक्षारोपण के साथ पूरी तरह से हरा-भरा होगा। इसमें एक पार्क और अन्य प्रकार के वृक्षारोपण शामिल होंगे। यदि एक परियोजना सफल होती है, तो हम अपने शहर में ऐसे और भी पुल बनाएंगे। ताकि सूरत को हरित पुलों के शहर के रूप में जाना जाए।”
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