गुजरात के माल और सेवा कर (SGST) विभाग ने 4,120 करोड़ रुपये के एक और फर्जी बिलिंग घोटाले का पर्दाफाश किया है। इसमें 74 फर्जी कंपनियां शामिल हैं। सूरत और अहमदाबाद में स्थित ये फर्में अवैध रूप से इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करके 137 करोड़ रुपये की कर चोरी करने में शामिल थीं।
अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, आणंद और भावनगर में पिछले हफ्ते विभाग के अधिकारियों द्वारा चलाए गए अभियान के बाद यह घोटाला सामने आया। जिन करीब 100 फर्मों पर छापा मारा गया, उनमें से 61 सूरत से और 13 अहमदाबाद से फर्जी पाई गईं।
जांच के दौरान, एसजीएसटी अधिकारियों ने आधार कार्ड के साथ छेड़छाड़ करने और नकली दस्तावेज बनाने के लिए गैर-लाइसेंस मोबाइल ऐप का उपयोग करने का एक नया तरीका पाया।
एसजीएसटी के एक अधिकारी ने कहा, “स्पॉट वेरिफिकेशन के दौरान दो अलग-अलग मोडस ऑपरेंडी का पता चला था। सबसे पहले, हमें पता चला कि मोबाइल ऐप का उपयोग करके नकली आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाए जा रहे हैं।”
फेसबुक के मार्केटप्लेस सुविधा पर बोगस ऋण सेवा कंपनियां लोगों को लोन देने के बहाने उनके दस्तावेज जमा कर लेती हैं। बदले में इन दस्तावेजों का इस्तेमाल फर्जी जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने के लिए किया जाता है।” एक अन्य मामले में, पलिताना में एक आधार केंद्र पर एसजीएसटी अधिकारियों ने छापा मारा, जहां से मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए गए।
अधिकारी ने कहा, “सूरत में एक निश्चित स्थान पर स्पॉट सत्यापन के दौरान जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए उपयोग किए जाने वाले आधार कार्डों से भावनगर, पलिताना, अमरेली, अहमदाबाद और आणंद के पते मिले। जब पूछताछ की गई, तो पलिताना में आधार धारकों ने अपने नाम से प्राप्त पैन नंबरों के बारे में अनभिज्ञता जताई। इसके अलावा, जांच में पता चला कि आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर भी बदल दिए गए थे।
एसजीएसटी अधिकारी ने कहा, इन आधार कार्डों का उपयोग करके पैन नंबर और जीएसटी पंजीकरण प्राप्त किए गए।
उन्होंने कहा, “पिछले आठ महीनों में 1,500 आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर अपडेट किए गए थे। इसके अलावा, आधार कार्ड और संबंधित मोबाइल नंबरों के आधार पर सिस्टम-आधारित सत्यापन से पता चला कि लगभग 470 जीएसटी पंजीकरण धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए थे। इनमें से 118 पंजीकरण गुजरात में थे और शेष अन्य राज्यों में थे।
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