आमदनी से अधिक संपत्ति (Disproportionate assets) के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी (ACB) ने पोरबंदर में तैना जीपीसीबी (GPCB) के क्लास-2 के सीनियर पर्यावरण अभियंता (Environmental Engineer) अनिल शाह के ठिकानों पर छापे मारे हैं। इस दौरान उनके घर से 3.57 करोड़ रुपये बरामद किए गए। उन्हें 2019 में जीपीसीबी का सदस्य सचिव नियुक्त किया गया था।
एसीबी ने शाह के खिलाफ मिली एक शिकायत पर जांच शुरू की। एसीबी ने गुरुवार को देर रात उनके सोला इलाके में स्थित ‘महालय’ नामक बंगले पर तलाशी अभियान चलाया। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों की मदद से लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है।
एसीबी के डीएसपी जीबी पाढ़ेरिया ने कहा, “भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसीबी बड़े पैमाने पर अभियान चला रहा है। हमें जीपीसीबी के अनिल शाह के खिलाफ एक आवेदन मिला और हमने कदम दर कदम जांच शुरू की।’
शाह के खिलाफ आवेदन में 19 शिकायतें थीं। इनमें से पावर के दुरुपयोग और 5.75 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति के बारे में थी। इस आधार पर एसीबी ने 2006-2020 के दौरान उनके कार्यकाल की जांच की। उन्होंने वापी, वडोदरा और अंकलेश्वर में काम किया है। एसीबी को जांच के दौरान जानकारी मिली कि शाह ने अपनी कानूनी आय के अलावा 3.57 करोड़ रुपये की अन्य आय अर्जित की है।
पढेरिया ने कहा, “शाह ने संपत्ति, बंगले, जमीन या गहनों के बजाय ज्यादातर म्यूचुअल फंड, पीपीएफ, किसान विकास पत्र और राष्ट्रीय राजमार्ग बांड में अपनी आय से अधिक पैसे का निवेश किया था।”
सूत्रों ने कहा कि शाह को जीपीसीबी में सदस्य सचिव से वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता के रूप में पदावनत (demoted) किया गया था। इसके बाद उन्होंने कथित तौर पर इस मामले को लेकर गुजरात हाई कोर्ट में मामला दायर किया था।
उन्हें 1989 में GPCB में सहायक वैज्ञानिक अभियंता (Assistant Scientific Engineer) के रूप में भर्ती किया गया था और प्रमोशन के बाद वह इस समय वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता के रूप में कार्यरत हैं। उनकी अधिकतर अहमदाबाद और गांधीनगर में रह कर ही नौकरी की है।
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