भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी एक बिलियन डॉलर के मुंबई बिजनेस शोकेस के भीतर एक शॉपिंग पैलेस पर दांव लगा रहे हैं, जो पश्चिमी लक्जरी सामानों की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। साथ ही अपने रिलायंस साम्राज्य को एक पोर्टल के रूप में स्थापित करेंगे, जिसके माध्यम से अधिकांश सबसे बड़े ब्रांडों को गुजरना होगा।
वैसे अपने आकार में देश के लिए अभी भी छोटा है, लेकिन यूरोमॉनिटर के अनुमान के मुताबिक भारत का लक्जरी बाजार पांच वर्षों के भीतर आकार में लगभग दोगुना होकर लगभग 5 बिलियन डॉलर का हो जाएगा। इसके मद्देनजर रिलायंस लुई वीटन से गुच्ची तक नामी ब्रांडों के लिए दर्जनों आउटलेट के साथ एक मॉल का निर्माण कर रहा है। यह जानकारी दस्तावेजों के अध्ययन के बाद रॉयटर्स ने दी है।
रिजी मॉल, जियो वर्ल्ड प्लाजा, महंगे बैग या जूते पर नजर गड़ाए हुए अमीर भारतीयों को लुभाने की रिलायंस की बड़ी चाहत है। भारत के लगभग 900 बिलियन डॉलर के खुदरा बाजार में विलासिता के सामानों का प्रभुत्व नंबर एक के स्थान पर आ जाएगा, जहां इसे अमेजन और वॉलमार्ट की जैसे ई-कॉमर्स और सुपरमार्केट में कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ता है।
रिलायंस की रणनीति की सीधी जानकारी रखने वाले तीन लोगों ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य विदेशी ब्रांड साझेदारी का लाभ उठाना और लक्जरी पेशकशों में खुदरा प्रतिद्वंद्वियों से आगे रहना है।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि जियो वर्ल्ड सेंटर को विकसित करने की कुल लागत- मुंबई के बांद्रा कुर्ला व्यापारिक जिले में एक विशाल वाणिज्यिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जिसमें लक्जरी मॉल है- 1 बिलियन डॉलर से अधिक है।
238 बिलियन डॉलर के बाजार मूल्य के साथ रिलायंस द्वारा किया गया भारी निवेश, अंबानी के परिवार की लक्जरी में विस्तार करने की चाहत को दर्शाता है – विशेष रूप से उनकी 30 वर्षीय बेटी ईशा, जो आगे बढ़ने की दिशा में रहती हैं।
रिलायंस की रणनीति की जानकारी रखने वाले दूसरे व्यक्ति ने कहा, “वैश्विक ब्रांड यहां (भारत) रहना चाहते हैं। ऐसे में रिलायंस उस उछाल को संभालने और बढ़ाने का कार्य करने की कोशिश कर रहा है।”
सूत्रों ने अपनी पहचान जाहिर करने से मना कर दिया, क्योंकि वे सार्वजनिक रूप से रिलायंस की रणनीति का खुलासा करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। जहां तक रिलायंस की बात है, तो उसने टिप्पणी के लिए रॉयटर्स के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।
मॉल का फ्लोर प्लान
दस्तावेजों से पता चलता है कि चार मंजिलों और 10 सॉकर मैदानों के आकार में फैला मॉल दरअसल संगमरमर के फर्श और सुनहरे रेलिंग के साथ पूरा होगा। सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 व्यवधानों के बाद कच्चे माल के आयात में देरी को देखते हुए मॉल के अगले साल की शुरुआत में खुलने की संभावना है।
रिलायंस के दस्तावेज में फ्लोर प्लान के तहत मॉल के ऊपरी तल पर हाल के हफ्तों में चर्चित हुए 30 ब्रांड होंगे। इनमें एलवीएमएच के लुई वीटन, टिफ़नी और डायर भी हैं। इसके अलावा एलवीएमएच का प्रतिद्वंद्वी केरिंग की गुच्ची, बालेंसीगा और बोट्टेगा वेनेटा के साथ-साथ वर्साचे, रिचमोंट के कार्टियर और हर्मीस भी होंगे।
दस्तावेज़ वित्तीय विवरण का खुलासा नहीं करता है, न ही यह बताता है कि इन ब्रांडों में परिवर्तन भी संभव है। किसी भी ब्रांड ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया।
जियो वर्ल्ड प्लाजा आउटलेट भारत में कई ब्रांडों के लिए महत्वपूर्ण विस्तार के मौके देते हैं। जैसे कंपनी की वेबसाइटें दिखाती हैं कि दो दशक पहले अपना पहला आउटलेट खोलने के बावजूद लुई वुइटन के भारत में सिर्फ तीन स्टोर हैं, जबकि वर्साचे के पास सिर्फ एक है।
दस्तावेज़ से पता चलता है कि मॉल में लुई वीटन का 7,376 वर्ग फुट का आउटलेट भारत में सबसे बड़ा होगा।
अनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के पंकज रेंजेन ने कहा कि भारत का लग्जरी बाजार इतना छोटा है कि कई विदेशी ब्रांड रिलायंस के साथ साझेदारी करना पसंद कर सकते हैं, ताकि लागत को नियंत्रित रखा जा सके और भारत के खुदरा बाजार की अपनी पकड़ और समझ को भुनाया जा सके।
यूरोमॉनिटर का अनुमान है कि पिछले साल भारत के निजी लक्जरी बाजार का आकार 2.6 अरब डॉलर था, लेकिन 2026 तक सालाना 12% बढ़ते हुए 4.7 अरब डॉलर तक पहुंचने के लिए तैयार है। तुलनात्मक रूप से चीन के बाजार को देखें, तो वहां लुई वीटन के करीब 60 आउटलेट हैं और वर्साचे के 40 आउटलेट। फिर भी चीन का बाजार 2026 तक 107 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल 58 अरब डॉलर का था।
बर्नस्टीन के वरिष्ठ लक्जरी सामान विश्लेषक लुका सोल्का ने कहा, “भारत में सीमित संख्या में स्टोर सहित कई मुद्दों से विदेशी ब्रांड वर्षों से परेशान हैं। समस्याएं भी “पहले मुर्गी या अंडा” जैसी समस्याएं हैं।
मोर्चे पर उत्तराधिकारी
महंगे बैग के बजाय कई महत्वाकांक्षी भारतीयों के लिए विलासिता का मतलब अभी भी विदेश में पारिवारिक छुट्टियों जैसी चीजें हैं। लेकिन हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, देश में करोड़पति परिवारों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 2021 में 11% बढ़ी। उनके पसंदीदा ब्रांडों में गुच्ची, लुई वीटन और बरबेरी हैं।
मुंबई मॉल दरअसल मित्रों, नामी ब्रांडों और टिफनी एवं बोट्टेगा वेनेटा जैसे स्थानीय बिक्री के लिए मौजूदा भागीदारों के साथ पहला प्रयास है। दस्तावेजों से पता चलता है कि लग्जरी फ्लोर के लगभग आधे ब्रांड रिलायंस के पार्टनर ही होंगे।
लग्जरी एक्जीक्यूटिव मॉल को रिलायंस के लिए लंबे समय तक चलने वाले दांव के रूप में देखा जा रहा है, जो ईशा और अंबानी परिवार के लिए एक वैनिटी प्रोजेक्ट से कहीं अधिक है। भले ही यह जल्द ही कमाऊ साबित न हो। वैसे दो सूत्रों ने कहा कि ईशा नए मॉल की अवधारणा में शामिल रही हैं, जिसमें रिलायंस ने प्रतिद्वंद्वी ब्रांडों के अत्यधिक संवेदनशील प्लेसमेंट को एक-दूसरे के बगल में रखा है।
पिछले साल फॉर्च्यून इंडिया पत्रिका ने ईशा को रिलायंस में “मोर्चे पर उत्तराधिकारी” के तौर पर दिखाया था, जिससे उन्हें भारत की 21 वीं सबसे शक्तिशाली महिला का दर्जा मिला।
चार भारतीय ब्रांड- जिनमें रिलायंस ने हाल के महीनों में उन्हें वैश्विक स्तर पर ले जाने की योजना के साथ निवेश किया है- मॉल के लक्जरी फ्लोर पर एकमात्र घरेलू नाम होंगे। इनमें कैफे और छह स्क्रीन वाला मल्टीप्लेक्स सिनेमा भी होगा।
कई वैश्विक ब्रांडों को सलाह देने वाली इंडियन कंसल्टेंसी लग्जरी कनेक्ट के सीईओ अभय गुप्ता ने कहा, “मॉल रिलायंस के लिए एक बेहतरीन इमेज बूस्टर के रूप में काम करेगा।”