गुजरात में कांग्रेस के एक विधायक मंगलवार शाम से “लापता” थे। राहुल गांधी के आधी रात के बाद के ट्वीट से हौसला जुटाकर बुधवार सुबह वह सामने आए। साथ ही आरोप लगाया कि उनके भाजपा प्रतिद्वंद्वी (rival) के नेतृत्व में भीड़ ने उन पर तलवारों से हमला कर दिया था। इसके बाद उन्होंने रात जंगल में बिताई। भाजपा ने इस आरोप का अभी तक जवाब नहीं दिया है।
कांटी खराडी गुजरात के बनासकांठा में दांता से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां दूसरे चरण के चुनाव के तहत मतदान हो रहा है। उन्होंने इस सीट से भाजपा के प्रत्याशी लाधू पारघी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
श्री खराडी का दावा है कि कथित हमले के बाद वह “भाग” कर घंटों जंगल में छिपे रहे। उन्होंने यह भी कहा कि वह इलाज के लिए अस्पताल गए थे। एक खबरिया चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुझ पर भाजपा उम्मीदवार और उनके 150 गुंडों ने रात साढ़े नौ बजे के करीब तलवारों से हमला किया। वे मुझे मार देते, इसलिए मैं तीन-चार घंटे तक भागकर जंगल में छिपा रहा। तीन-चार घंटे बाद पुलिस ने मुझे ढूंढ निकाला।”
उन्होंने आरोप लगाया कि वह जब अपने मतदाताओं के पास जा रहे थे, तभी भाजपा उम्मीदवार और उनके “गुंडों” ने कार को रोक कर उन्हें घेर लिया।
कांग्रेस विधायक ने कहा, “उन्होंने हमें रोका। फिर हमने कार मोड़ दी। लेकिन दूसरी कार ने हमें दूसरी तरफ से रोक लिया। फिर हम कार छोड़कर भाग गए। हमने सोचा कि हमें बच जाना चाहिए, हम 10-15 किलोमीटर तक भागे।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें भाजपा उम्मीदवार द्वारा पहले भी धमकी दी गई थी। इस कारण सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग से अपील की थी, जो ठुकरा दी गई।
मंगलवार की देर रात राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि श्री खराडी लापता हैं। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि कांग्रेस के आदिवासी नेता और दांता विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार कांतिभाई खराडी पर भाजपा के गुंडों ने बेरहमी से हमला किया और अब लापता हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग के अलावा अर्धसैनिक बल की तैनाती की मांग की थी, लेकिन आयोग उस पर सोया रहा। सुनिए, हम भाजपा से डरने वाले नहीं हैं। कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा-हम डरेंगे नहीं, डटकर मुकाबला करेंगे।
गुजरात कांग्रेस के नेता जिग्नेश मेवानी ने भी ट्वीट किया कि श्री खराडी पर हमला इसलिए किया गया. क्योंकि भाजपा को हार का डर है। उन्होंने ट्वीट में कहा, “उनके कार को रोकते समय उन्हें मारने का प्रयास किया गया। कार पलट गई। फिर कांतिभाई खराडी लापता हो गए।”
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