राजकोटः वर्ष 2022 में मानसून के कमजोर रह जाने के कारण इस हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में भी राजकोट पानी संकट का सामना कर रहा है। भीषण गर्मी शुरू होने से पहले ही राजकोट नगर निगम (RMC) ने राज्य सरकार से 2023 में सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई (SAUNI) योजना के तहत लगभग 1,300 मिलियन क्यूबिक फीट (MCFT) पानी देने कराने का अनुरोध किया है। निगम ने राज्य सरकार से फरवरी के मध्य तक इसका आधा पानी दिला देने को कहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राजकोट शहर में पिछले साल 863 मिमी बारिश हुई थी, जो इसकी औसत वार्षिक वर्षा का 105% है। हालांकि, नगर निगम का मानना है कि यह पानी पर्याप्त नहीं है और शहर में वर्षा जल के लिए उचित भंडारण (storage) सुविधाओं का भी अभाव है। जानकारों की मानें तो शहर के लिए जल संग्रहण के एकमात्र स्रोत अजी, न्यारी और भादर बांध हैं। न्यारी-2 बांध का उपयोग पानी के भंडारण के लिए नहीं किया जाता है, क्योंकि इस बांध में गंदा पानी छोड़ा जाता है और भादर का पानी जिले के लिए रिजर्व होता है।
नगर आयुक्त अमित अरोड़ा ने कहा, ‘हमने साउनी योजना के तहत अजी और न्यारी बांधों में पानी मांगा है। हमने अजी में 1,000 एमसीएफटी और न्यारी में करीब 270 एमसीएफटी पानी की मांग की है। हमने अजी में फरवरी के मध्य तक और मई के दौरान न्यारी में 700 एमसीएफटी की मांग की है।” नगर निगम प्रति दिन 20 मिनट के लिए पानी बांटता है और कुल वितरण लगभग 360 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) है। निगम सूत्रों के मुताबिक, पानी की आवश्यकता बढ़ गई है क्योंकि कई नए क्षेत्रों को नागरिक निकाय में विलय कर दिया गया है।
नागरिक निकाय 2020 में 280 एमएलडी वितरित कर रहा था, जो बढ़कर 360 एमएलडी हो गया। सूत्रों के अनुसार, अजी बांध में वर्तमान में 603 एमसीएफटी पानी उपलब्ध है। यह वर्तमान संकट को देखते हुए मध्य फरवरी तक घटकर लगभग 240 एमसीएफटी रह जाएगा।
Also Read: स्कूल बैग में परफ्यूम, डिओडोरेंट, मोबाइल, कैश और ई-सिगरेट