जयपुर: कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी से जूझने के बाद राजस्थान सरकार सीख गई है। इसलिए अब हर दिन के लिहाज से 1,000 मीट्रिक टन (एमटी) ऑक्सीजन के साथ राज्य भर में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट तैयार हैं। सप्लाई को और मजबूत करने के लिए 40,000 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर उपलब्ध हैं। यहां तक कि निजी कंपनियां और अस्पताल भी किसी भी संकट का सामना करने के लिए ऑक्सीजन बना रहे हैं।
केंद्र ने चीन और कुछ अन्य देशों में ओमिक्रॉन बीएफ-7 के उभरते खतरे से निपटने के लिए राज्य को सतर्क किया है। चीन समेत कई देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को अपनी कोविड-19 की तैयारियों को जांचने के लिए मॉक ड्रिल किया।
राज्य में पिछले एक साल में ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता करीब ढाई गुना बढ़ गई है। राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. पृथ्वी राज ने कहा, “कोविड-19 की दूसरी लहर के समय हमारे पास 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की व्यवस्था थी, अब हमारे पास प्रतिदिन 1,000 मीट्रिक टन उत्पादन की व्यवस्था है। यह कोविड-19 के कारण किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए काफी है।”
स्वास्थ्य विभाग (ऑक्सीजन) के नोडल अधिकारी प्रेम सिंह ने कहा, “अस्पतालों को हर महीने पहले सप्ताह में ऑक्सीजन बनाने वाले प्लांटों की मॉक ड्रिल करने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। वर्तमान में सभी काम कर रहे हैं। हमारे पास ऑक्सीजन की मांग में किसी भी वृद्धि से निपटने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है।”
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