राजस्थान सरकार जल्द ही राज्य विधानसभा में स्कूलों से लेकर यूनिवर्सिटी तक के निजी शिक्षण संस्थानों (private educational institutions) को रेग्युलेट करने के लिए बिल लाएगी। इसका उद्देश्य छात्रों, विशेष रूप से निजी कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले या ऑफलाइन ट्यूटोरियल लेने वालों पर तनाव कम करना है। यह जानकारी इस मामले से जुड़े लोगों ने दी है। उन्होंने बताया कि यह फैसला अभी हाल में ही कोटा में तीन छात्रों द्वारा आत्महत्या करने की घटना को देखते हुए किया गया है।
प्रस्तावित ड्राफ्ट बिल का नाम ‘द राजस्थान प्राइवेट एजुकेशनल रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल (The Rajasthan Private Educational Regulatory Authority Bill)-2022’ है। यह ड्राफ्ट बिल निजी संस्थानों को किसी भी परीक्षा में टॉपर्स की सफलता का महिमामंडन करने से रोकता है। निजी कोचिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए एक एप्टीट्यूड टेस्ट निर्धारित करता है और सभी कोचिंग संस्थानों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करता है। भले ही वे केवल ऑनलाइन कक्षाएं ही चला रहे हों।
राजस्थान सरकार के एक सीनियर अफसर ने कहा, “निजी शिक्षण संस्थानों को रेग्युलेट करने के लिए बिल में एक नियामक प्राधिकरण (regulatory authority) स्थापित करने का प्रस्ताव करता है, जो निजी संस्थानों में शिक्षा के लिए मानकों को निर्धारित करेगा। फीस आदि भी वही तय करेगा। उसके आदेशों को नहीं मानने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।” बिल को राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।
बता दें कि कुछ अन्य राज्य सरकारों जैसे हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में निजी शिक्षण संस्थानों के लिए नियामक (regulators) हैं। केंद्र सरकार के पास विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) जैसे उच्च शिक्षा नियामक (higher education regulators) हैं।
Also Read: भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे