राजस्थान में राजनीतिक दल (Political parties) तेजी से नए मतदाताओं को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दल (Political parties) नए और युवा मतदाताओं (young voters) को लुभाने की तैयारी कर रहे हैं।
राजस्थान में अब 19 लाख से ज्यादा अतिरिक्त मतदाता हैं। हालांकि चुनाव विभाग (Election Department) के मुताबिक 4 लाख से ज्यादा ऐसे वोटर हैं जिनकी उम्र 18 साल से ज्यादा है। विभाग का अनुमान है कि दिसंबर में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के समय तक इनकी संख्या 19 लाख को पार कर सकती है।
भाजपा ने संकल्प लिया है कि पार्टी अब प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में नए मतदाताओं पर ध्यान देगी। इसके लिए अलग से अभियान शुरू किया जाएगा। बीजेपी 26 जनवरी के बाद अपना प्रचार अभियान शुरू कर सकती है।
26 जनवरी से कांग्रेस अपना “Joining Hands” अभियान शुरू करेगी। अभियान समन्वयक जिला स्तर पर बैठकें आयोजित की जाती हैं। कांग्रेस युवा लोगों और नए मतदाताओं पर ध्यान केंद्रित करेगी ताकि उन्हें खुद से अधिक जुड़ाव महसूस करने में मदद मिल सके।
राजनीतिक जानकारों (Political observers) का मानना है कि युवा मतदाताओं (youth voters) का राष्ट्रीय स्तर पर परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। राज्य स्तर पर यह प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। लेकिन इन दिनों इसका असर बढ़ना शुरू हो गया है।
इस परिदृश्य में राजनीतिक दलों के पास एक महत्वपूर्ण काम है — नए मतदाताओं को खुद से परिचित कराना। हालांकि, राजस्थान के सबसे हालिया चुनाव में वोट प्रतिशत में महत्वपूर्ण अंतर नहीं था। ऐसे में नए पंजीकृत मतदाता महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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