मोदी उपनाम को लेकर विवादित बयान की वजह से 2 साल की सजा के खिलाफ राहुल गांधी द्वारा सूरत सेसन कोर्ट में की गयी अपील पर गुरूवार को 5 घंटे की सुनवाई के बाद 20 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई तय की गयी है। इसी दिन फैसला आने की भी संभावना है। सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील ने तर्क दिया कि अगर एक दिन की भी कम सजा होती तो उनके मुवक्किल की लोकसभा सदस्यता बच जाती। निचली अदालत ने अधिकतम सजा दी है। जबकि फरियादी पूर्णेश मोदी के वकील का तर्क था की बाहर राहुल गाँधी कहते है कि उन्हें अपने कहने का कोई अफ़सोस नहीं है। जज की भूमिका पर सवाल उठाते हैं ,उनके खिलाफ कई जगह मामले चल रहे हैं इसलिए अधिकतम सजा पर्याप्त है।
मोदी उपमान को लेकर विवादित बयान की वजह से आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए राहुल गांधी की याचिका पर सेशंस कोर्ट में गुरुवार को सूरत जिला सत्र न्यायलय में सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कई घंटों तक दोनों ओर से दलीलों को सुनने के बाद जज ने आगे की सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख तय की है। सीजेएम कोर्ट के फैसले को राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में चुनौती दी थी और अपनी दोषसिद्धि पर रोक की मांग की।
सुबह करीब 11:15 बजेकोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई. जज रॉबिन मोगेरा की अदालत में राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने दलीलें पेश कीं। चीमा ने कहा कि स्पष्ट रूप से मामले की मेरिट पर विचार करने की आवश्यकता है। एक फैसले को पढ़ते हुए वे कहते हैं, ‘शक्ति एक अपवाद है लेकिन अदालत को सजा के परिणामों पर विचार करना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि न्यायालय को इस बात पर विचार करना है कि क्या दोषी को अपूर्णीय क्षति होगी। उन्होंने सजा की वजह से राहुल गांधी की सदस्यता छिनने का हवाला देते हुए स्टे की मांग की और सुप्रीम कोर्ट की कुछ टिप्पणियों का हवाला दिया।
चीमा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने 2019 मेंकेरल की वायनाड सीट से 4,31070 वोट के मार्जिन सेजीत हासिल की थी। लेकिन अब उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाषण की भी जांच करनी होगी और यह भी देखना चाहिए कि शिकायतकर्ता पीड़ित व्यक्ति है या नहीं। कानून के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति ही शिकायत कर सकता है। चीमा ने एक गवाह का बयान पढ़ते हुए कहा कि मोदी जाति नहीं है, बल्कि गोसाई जाति है। गोसाई जाति के लोगों को मोदी कहा जाता है।
चीमा की दलीलें खत्म होने के बाद पूर्णेश मोदी के वकील हर्षित टोलिया ने अपना पक्ष रखा। हर्षित ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ 10-12 आपराधिक मानहानि के केस चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने.भी उन्हें फटकार लगाई है। कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद भी वह कह रहे हैं कोई गलती नहीं की, यह अहंकार है। वकील ने कहा कि राहुल गांधी को सजा की वजह से उन्हें अयोग्य करार दिया गया है, वह चुनाव और इसमें मिली जीत की दलील दे रहे हैं,जीत की दलील दे रहे हैं, क्या इस समय यह कोई कारक हो सकता है?
पूर्णेश मोदी के वकील नेअधिकतम सजा को सही बताते हुए कहा, ‘वह पूरी तरह होश में थे क्योंकि रैली को संबोधित कर रहे थे। क्या वह इतने बचकाने थे कि उन्हें नहीं पता था कि मोदी सरनेम के संदर्भ का मतलब सभी मोदी सेहोगा।’ टोलिया ने कहा कि राहुल गांधी जनता के सामने जाकर कोर्ट के खिलाफ बयान दे रहे हैं। वह कह रहे हैं कि हाई कोर्ट से याचिका वापस लिए जाने के एक महीने बाद ही मजिस्ट्रेट ने केस का फैसला कर दिया। क्या यह जज पर इलजाम नहीं है?
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