29 अप्रैल, शनिवार को गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण आवेदन (criminal revision application) पर एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक (Single-judge Justice Hemant Prachchhak) ने मामले में सुनवाई की थी। हालांकि, लंबी बहस के बाद न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख आज 2 मई निर्धारित की थी। अब गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) ने संकेत दिया है कि वे गर्मी की छुट्टी के दौरान राहुल गांधी की पुनरीक्षण याचिका (Revision Plea) पर फैसला लिखवा सकते हैं।
जस्टिस हेमंत प्रच्छक (Justice Hemant Prachchhak) ने आज संकेत दिया है कि दोनों पक्ष एक-दो दिन में अपनी दलीलें खत्म कर सकते हैं। जस्टिस हेमंत प्रच्छक 4 मई को भारत से बाहर जा रहे हैं।
उन्होंने संकेत दिया कि वह गर्मी की छुट्टी के दौरान फैसला सुनाएंगे। इसका मतलब यह है कि राहुल गांधी के मामले में दोषसिद्धि को खारिज करने के मामले में फैसला आने में पांच सप्ताह तक का समय लग सकता है।
आपको बता दें कि, गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) द्वारा दायर आपराधिक पुनरीक्षण याचिका (criminal revision plea) पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उनकी टिप्पणी पर मानहानि के मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की गई है।
मामले में, शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी, गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री, की ओर से मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता निरुपम नानावती (Senior Advocate Nirupam Nanavat) भी पेश हुए।
दोषसिद्धि पर रोक लगाने वाली याचिका हुई थी खारिज
सूरत की एक अदालत ने मानहानि मामले (defamation case) में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका खारिज दी थी। हालांकि, 3 अप्रैल को सूरत सत्र न्यायालय ने कांग्रेस नेता को जमानत दे दी थी, जिन्होंने मामले में अपनी सजा के बाद अपील दायर की थी। राहुल को जमानत देते हुए अदालत ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कांग्रेस नेता की याचिका पर नोटिस भी जारी किया। इसने दोनों पक्षों को सुना था फिर 20 अप्रैल के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था।
“मोदी” उपनाम टिप्पणी को लेकर उपजा था मामला
राहुल गांधी वायनाड से लोकसभा सांसद थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर एक मामले में सूरत की एक निचली अदालत द्वारा 23 मार्च को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
आपको बता दें कि यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) से पहले एक चुनाव अभियान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राहुल गांधी द्वारा ‘मोदी’ उपनाम का उपयोग करने वाली टिप्पणी से संबंधित है।
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