वायनाड के पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मानहानि के मामले में सजा के खिलाफ सूरत सेशन कोर्ट में की गयी अपील पर सेंशन कोर्ट के निर्देश के मुताबिक मंगलवार को शिकायतकर्ता और भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी के वकील केतन रेशमवाला ने लिखित तौर से जवाब पेश करते हुए राहुल गांधी की याचिका का विरोध किया , उन्होंने 28 पेज के अपने जवाब में कई तथ्य रखे , जबकि गुजरात सरकार की तरफ से सरकारी वकील नयन सुखडवाला पेश हुए। सुखडवाला ने फैसले की कॉपी ली और जवाब के लिए समय मांगा। मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी।
विदित हो कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जिन्हें हाल ही में 2019 के मानहानि के एक मामले में दो साल की जेल की सजा के बाद संसद से अयोग्य घोषित किया गया था, ने 3 अप्रैल को को सूरत सत्र अदालत में उनकी सजा और दोषसिद्धि के फैसले को चुनौती दी थी । जिसके बाद जिला सत्र न्यायालय ने उनकी जमानत को बरकरार रखते हुए फरियादी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी करते हुए 13 अप्रैल के पहले अपने जवाब पेश करने का निर्देश दिया था।
वायनाड के पूर्व लोकसभा सांसद ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी कि सभी चोरो का उपनाम मोदी ही क्यों होता है। जिसके बाद भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
सूरत की निचली अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। साथ ही फैसले के खिलाफ अपील के लिए 15 हजार के मुकलचे पर 30 दिन की जमानत प्रदान की थी।
इस दौरान फैसले के तीसरे ही दिन लोकसभा सचिवालय द्वारा उनकी लोकसभा सदस्यता को निलंबित कर दिया गया था। विपक्षी नेताओं ने उस “बुलेट ट्रेन” की गति पर सवाल उठाया है जिसके साथ उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी।
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