अहमदाबादः गुजरात सरकार ने दिसंबर में शहरी क्षेत्रों में गैरकानूनी निर्माणों के मालिकों से प्रभाव शुल्क (impact fees) वसूल कर नियमित (regularize) करने वाला एक बिल पास किया था। हालांकि, अहमदाबाद नागरिक निकाय (civic body) को अभी तक केवल 4,048 आवेदन मिले हैं। जानकारों के मुताबिक, नए इंपैक्ट फी नियम के प्रति उदासीनता की एक वजह यह भी है कि आवेदन खारिज होने पर संपत्ति को प्राथमिकता के आधार पर गिराने का फैसला किया जाता है।
अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) ने अब तक केवल एक आवेदन स्वीकार किया है। दो को खारिज कर दिया है। इसने कई अमदवादियों को उनके अवैध निर्माणों के नियमितीकरण (regularization) के लिए आवेदन करने से रोक दिया है। केवल वेजलपुर में विकास टेनमेंट के नियमितीकरण (regularization) को मंजूरी दी है।
सूत्रों के मुताबिक, शहरी विकास विभाग के अधिकारियों के साथ एएमसी की हालिया बैठक के दौरान पुराने और नए प्रभाव नियम प्रावधानों और आवेदनों को जल्दी निपटाने जैसे विषयों पर चर्चा की गई थी। इसी बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा गया था कि जिन संपत्तियों के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं, उन्हें गिराने को प्राथमिकता दें।
सूत्रों के मुताबिक, सीनियर अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि अगर नियमितीकरण के लिए आवेदन खारिज कर दिया जाता है तो संपत्ति को प्राथमिकता के आधार पर गिराया जाना चाहिए। अधिकारी ने कहा, “जिन लोगों को थोड़ा सा भी संदेह है कि उनका आवेदन खारिज हो सकता है, वे आवेदन करने से परहेज कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें डर है कि अगर उनके आवेदन खारिज कर दिए गए तो उनकी संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया जाएगा।”
सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों को 2011 की इंपैक्ट फीस योजना के तहत अस्वीकृत आवेदनों की सूची बनाने और उन संपत्तियों को गिराने के लिए भी कहा गया है। एएमसी को 2011 में 2.43 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1.26 लाख आवेदन स्वीकृत किए गए। बाकी 1.17 लाख आवेदन खारिज कर दिए गए। एएमसी ने 2011 में इंपैक्ट फीस के रूप में 349.16 करोड़ रुपये एकत्र किए।
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