इस साल देशभर में प्रॉपर्टी की कीमतों में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो पांच वर्षों में सबसे तेज वृद्धि है। औसत घर की कीमत अगले साल 6% और 2024 में 6% बढ़ने की उम्मीद है। यह बात प्रॉपर्टी के जानकारों के बीच हुए एक सर्वे से निकली है। 13 रियल एस्टेट विश्लेषकों का यह सर्वेक्षण रायटर्स ने 11 मई से 27 मई की बीच किया था। मार्च के सर्वे में विश्लेषकों ने इस वर्ष 5.0 प्रतिशत की वृद्धि की भविष्यवाणी की थी।
रियल एस्टेट कंपनियों का बीएसई इंडेक्स पिछले साल 21 फीसदी बढ़ा, जो सेंसेक्स की 15 फीसदी की बढ़ोतरी से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
अर्थशास्त्रियों के मुताबिक, घर की बढ़ती मांग और निर्माण सामग्री की बढ़ती लागत आवास की कीमतों को बढ़ाने वाले दो सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं। इसके अलावा भारी ब्याज दरें, विशेष रूप से पहली बार खरीदारों के लिए, सामर्थ्य पर दबाव डाल सकती हैं।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी बेंचमार्क रेपो दर- जिस दर पर वह बैंकों को उधार देता है- इस महीने की शुरुआत में 40 आधार अंक बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था। ऐसा लगभग चार वर्षों में पहली बार हुआ। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि अत्यधिक मुद्रास्फीति से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक जल्द से जल्द ब्याज दरें बढ़ाना शुरू कर देगा।
सर्वे के मुताबिक, मुंबई और दिल्ली के साथ-साथ आसपास के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी कीमतों में इस साल और अगले साल 4% से 5% के बीच बढ़ोतरी का अनुमान है। अगले दो वर्षों में बेंगलुरु और चेन्नई में कीमतें 5.5 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है।
विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अगर ब्याज दरें तेजी से बढ़ती हैं, तो कई पहली बार मकान मालिक अपने घर के बजाय किराए पर रहना पसंद करेंगे। हालांकि, सर्वे में अधिकतर उत्तरदाताओं ने किराए में भी वृद्धि होने की आशंका जताई है।
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