राजस्थान में पर्यटन उद्योग अभी भी 2020 की कोविड-19 महामारी के प्रभाव से उबर रहा है। पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के लिए राज्य सरकार ने पारंपरिक कला उत्सवों की मेजबानी करने का निर्णय लिया है। उम्मीद है कि यह समारोह राज्य के कई क्षेत्रों में कलात्मक विरासत (artistic heritage) को बढ़ावा देने और संरक्षित (preserve) करने में मदद करेगा।
राजस्थान में 22 विभिन्न प्रकार के लोक उत्सव हैं। ऐसे में राज्य प्रशासन की ओर से उन सभी को पंचायत स्तर से ऊपर तक आयोजित करने की योजना है। पर्यटन बोर्ड एक व्यापक रणनीति (comprehensive strategy) पर काम करेगा और आयोजन के हिस्से के रूप में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के लिए 27 करोड़ रुपये देगा।
अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्टों में वृद्धि का श्रेय पंचायत-से-राज्य-स्तरीय राजस्थान लोक कला उत्सव को दिया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कार्यक्रम मुख्य रूप से क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर आयोजित किया जाएगा।
अधिकारी ने आगे कहा कि यह उत्सव स्थानीय लोक कलाकारों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा, जिन्होंने महामारी के दौरान कठिन समय बिताया है। साथ ही साथ राजस्थान के विभिन्न हिस्सों की लोक संस्कृति और कलाओं की रक्षा भी की जाएगी।
यहां तक कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी इस रणनीति को जल्द से जल्द तैयार करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जयपुर, बीकानेर, जैसलमेर, उदयपुर, अलवर, जोधपुर, सवनई माधोपुर और अन्य जिलों में टूरिज्म को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में गंभीरता से काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम इस तरह से हों कि राजस्थान आने वाले पर्यटकों को इन सभी स्थानों के बारे में पता चल सके और वे राज्य में अपने अधिक दिनों तक रुकने पर मजबूर हो जाएं।
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