अहमदाबाद शहर के व्यवसायी महेश भट्टी की पत्नी विभा भट्टी उस समय हैरान रह गईं, जब उन्हें कुछ और परीक्षणों के लिए गुजरात कैंसर अनुसंधान संस्थान (GCRI) लौटने के लिए कहा गया। तब एक सामाजिक पहल के तहत उन्होंने कैंसर स्क्रीनिंग के लिए मर्जी से भाग लिया था। उन्हें कोई शिकायत नहीं थी। कोई लक्षण नहीं था। लेकिन जख्म पाया गया, जो गर्भाशय का कैंसर (cancer of the uterus) निकला।
महेश भट्टी ने कहा, “यह वास्तव में हमारे लिए चौंकाने वाला था, क्योंकि विभा में ऐसा कोई संकेत या शिकायत नहीं थी। लेकिन आखिरकार, डॉक्टरों के सुझाव पर कैंसर को और फैलने से रोकने के लिए उनके गर्भाशय को निकाल दिया गया। समय पर पता लग जाने से हम बड़े संकट में फंसने से बच गए।” उन्होंने कहा, “अपने अनुभव के बाद हमने बड़े पैमाने पर कैंसर की जांच और मानव पैपिलोमा वायरस (human papilloma virus) के टीके को भी प्रोत्साहित किया।”
विभा उन 15,998 व्यक्तियों में से एक थीं जिनकी जीसीआरआई की एक पहल के तहत 31 दिसंबर, 2022 तक कैंसर की जांच की गई थी। ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ आनंद शाह ने कहा कि उन्हें कैंसर के 19 मामले मिले। हैरानी की बात यह कि 1,000 से अधिक ऐसे मामले मिले, जिनमें कैंसर की आशंका थी। यानी वे कैंसर से पहले के चरण (pre-cancerous disorders) में थे।
उन्होंने कहा, “संभावित रूप से घातक विकारों के साथ पाए गए 1,000 से अधिक मामलों में हमें ल्यूकोप्लाकिया एरिथ्रोप्लाकिया (leukoplakia erythroplakia), और मुंह में ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस (submucous fibrosis) और गर्भाशय में निम्न-श्रेणी के इंट्रापीथेलियल घाव (low-grade intraepithelial lesion)) और उच्च-ग्रेड इंट्रापीथेलियल घाव (high-grade intraepithelial lesion) जैसी स्थितियां मिलीं। जबकि वे पूरी तरह से कैंसर नहीं हैं। फिर भी हालत पर करीबी निगरानी की जरूरत है।”
जीसीआरआई के अधिकारियों ने कहा कि 19 की संख्या कैंसर के राष्ट्रीय स्तर (national prevalenc) से भी अधिक है। बिना किसी लक्षण वाले 16,000 व्यक्तियों में से यह प्रति 1 लाख जनसंख्या पर कैंसर के 119 मामले बताता है, जो भारत के लिए 100 से अधिक है। जीसीआरआई के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस का संदेश शुरुआती पहचान और उपचार पर जोर देना है।
उन्होंने कहा, “जबकि जागरूकता में वृद्धि हुई है, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि लक्षणों को अधिक से अधिक लोगों द्वारा पहचाना जाना चाहिए, क्योंकि हमारे यहां सिर और गर्दन के कैंसर का प्रचलन बहुत अधिक है।”
शहर की सर्जन डॉक्टर शेफाली देसाई ने कहा कि अक्सर मरीज एडवांस स्टेज में डॉक्टरों के पास पहुंचते हैं। उन्होंने कहा, “स्तन कैंसर में नई तकनीक हमें केवल ट्यूमर को टारगेट करने या एक छोटे से हिस्से को हटाने या स्तन का पुनर्निर्माण करने की सुविधा देती है। लेकिन तभी, जब हम इसका शुरू में ही पता लगा लेते हैं। नियमित जांच और आत्म-परीक्षा गंभीर लक्षणों वाले मामलों को कम कर सकती है।”
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