चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर गुजरात में कांग्रेस के लिए मददगार बनेगे या नहीं इस पर भले सवाल हो लेकिन गुजरात से चुनाव में वह भूमिका निभाएंगे इसके संकेत मिलने लगे है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक पीके ( प्रशांत किशोर ) की टीम गुजरात आ चुकी है , यही नहीं भाजपा मुख्यालय कमलम के पास उन्होंने फ्लैट किराये से लेकर अपना काम शुरू कर दिया है , उनकी टीम आईपैक के साथ कुछ लोग पहले से जुड़े हुए थे , लेकिन आयी हुयी टीम में पश्चिम बंगाल और तेलांगना में काम कर चुके लोग भी शामिल हैं।
इसके पहले गुजरात के राजनीतिक गलियारों में चर्चा सामने आई थी कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इस साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।
पिछले साल सितंबर में पार्टी में उनके लिए व्यापक भूमिका के लिए कांग्रेस नेतृत्व और प्रशांत किशोर के बीच बातचीत विफल होने के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर प्रशांत किशोर आक्रामक हमले करने लगे थे , इस बार माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने राहुल गाँधी से सामने से संपर्क किया था
प्रशांत से असफल बातचीत के बाद कांग्रेस ने बाद में अपने चुनाव अभियानों को संभालने के लिए किशोर के एक पूर्व सहयोगी के साथ करार किया। वहीं, किशोर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के लिए एक अहम शख्सियत बने.
कांग्रेस ने अभी तक किशोर के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया है, जो पिछले दिनों गुजरात कांग्रेस नेताओं के साथ राहुल गांधी की बैठक के दौरान भी इस पर चर्चा हुयी थी ,बंगाल चुनाव के दौरान ही किशोर ने साफ़ कर दिया था की वह अब इस भूमिका में नहीं होंगे , तो क्या वह कांग्रेस में शामिल होंगे ? इस सवाल का जवाब अभी समय के गर्भ में है।
अटकलों के मुताबिक, गुजरात कांग्रेस के कुछ नेता किशोर के साथ काम करने के इच्छुक हैं. हालांकि, कांग्रेस की परंपरा के अनुसार अंतिम फैसला राहुल गांधी का होगा।
पिछले साल प्रशांत किशोर ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कई दौर की बातचीत की थी. दरअसल, राहुल गांधी के घर जाने वाले रणनीतिकार की तस्वीरें सामने आने के बाद ग्रैंड ओल्ड पार्टी में उनकी एंट्री की बात कह दी गई थी.
हालाँकि, प्रशांत किशोर द्वारा हमलों की एक श्रृंखला के साथ बातचीत में एक बंद हो गयी , ट्वीट में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का नेतृत्व करना किसी भी व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं है , खासकर जब पार्टी पिछले दस वर्षों में 90% से अधिक चुनाव हार गई हो।
किशोर ने अतीत में यह स्पष्ट कर दिया है कि उनका मानना है कि विपक्ष में कांग्रेस की भूमिका है, लेकिन वर्तमान नेतृत्व में इसे हासिल नहीं किया जा सकता है।
ऐसे में एक चर्चा यह भी है की वह गुजरात में आधिकारिक तौर से काम शुरू करने के पहले जमीनी हालात का अंदाजा लगाना चाहते है , जिसके लिए उसकी टीम ने काम शुरू किया है। उसके परिणाम के आधार पर भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी , लेकिन सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस से उनकी बातचीत आखरी दौर में है। गुजरात कांग्रेस की भी एक टीम उनके जुड़ने का बेसब्री से इंतजार कर रही है।