भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक गजेंद्रसिंह परमार को उच्च न्यायालय ने राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 17 फरवरी तक रोक लगा दी है साथ ही सिरोही पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया है। पोस्को एक्ट के तहत यौन शोषण का आरोप झेल रहे गजेंद्र सिंह परमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
विदित हो कि भाजपा सरकार के पूर्व मंत्री तथा वर्तमान विधायक गजेंद्र सिंह परमार Gajendrasinh Parmar, former minister of the BJP government and current MLA , साबरकांठा बैंक के अध्यक्ष महेश अमीचंद पटेल Mahesh Amichand Patel, Chairman of Sabarkantha Bank समेत दो लोगों के खिलाफ नाबालिग से छेड़छाड़ की शिकायत अदालत के निर्देश पर दर्ज की गयी है।
शिकायत के मुताबिक अहमदाबाद की महिला उसकी बेटी के साथ जैसलमेर घूमने गए विधायक व बैंक अध्यक्ष ने कार में अकेली बैठी नाबालिग से जबरन छेड़खानी की.
पुलिस द्वारा कार्यवाही ना करने पर सिरोही कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी।
पिछले साल शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस द्वारा कार्यवाही ना करने पर सिरोही कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। सिरोही कोर्ट के आदेश के बाद POCSO एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
गजेंद्र सिंह परमार से इस बारे में संपर्क करने की कोशिश की गयी लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।
लिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक नवंबर 2020 को अहमदाबाद की महिला का परिचय प्रांतीय विधायक गजेंद्रसिंह परमार से हुआ था. फिर 10 नवंबर 2020 को महिला अपने परिवार और अपनी नाबालिग बेटी व प्रांतीय विधायक गजेंद्रसिंह परमार ,साबरकांठा बैंक के अध्यक्ष महेश अमीचंद पटेल समेत अन्य लोगों के साथ घूमने गयी थी।
इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए परमार ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी ,जिस पर उच्च न्यायालय ने राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी तक 17 फरवरी तक रोक लगा दी है।