देश को हिला देने वाले बिलकिस बानो ( Bilkis Bano )मामले के 11 आरोपियों की रिहाई के बाद विपक्ष ,गुजरात सरकार (Gujarat Government )और प्रधानमंत्री( Prime minister )पर हमलावर है। गुजरात से कांग्रेस की राज्यसभा सांसद तथा उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता अमी याग्निक( Amee Yagnik) ने गुजरात कांग्रेस (Gujarat Congress )मुख्यालय राजीव भवन में पत्रकार परिषद के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर आरोप लगाते हुए कहा की ” जिस समय प्रधानमंत्री लाल किला Red Fort से देश को संबोधित करते हुए महिला सशक्तिकरण (women empowerment )और महिला सम्मान (Women’s Diginity )की बात करते हैं उसी समय गुजरात सरकार (Gujarat Government) सामूहिक बलात्कार और हत्या के 11 आरोपियों को रिहा करती है। उनकी रिहाई पर स्वागत होता है। मिठाई बटती है। फिर प्रधानमंत्री किस महिला सशक्तीकरण (women empowerment ) की बात करते हैं ? या गुजरात सरकार (Gujarat Government )उनकी नहीं सुनती ? असल में प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर है। “
राज्यसभा सांसद (Rajya Sabha MP )याग्निक(Amee Yagnik) ने जोर देकर कहा कि ” जब प्रधानमंत्री आज़ादी के अमृत महोत्सव में कहते है कि “हमें ना केवल महिला सशक्तिकरण बल्कि महिलाओं के सम्मान और गौरव का भी ख्याल रखना होगा। ” तब देश की महिलाओं को भरोसा पैदा होता है कि अब हमारे “अच्छे दिन” आएंगे। लेकिन उसी समय उन्ही के गृह राज्य में उन 11 आरोपियों की रिहाई होती है जो एक 23 साल की महिला जो पांच महीने की गर्भवती है ,के साथ सामूहिक बलात्कार करते है , तीन घंटे तक वह मदद के लिए तड़पती है , यही नहीं बलात्कार के बाद उसके घर जाकर 7 लोंगो की हत्या कर देते हैं मृतकों में उसका तीन साल का बच्चा भी शामिल होता है, के दोषी होते हैं।
इस मामले में , अदालत के आदेश के पालन में पहले गुजरात सरकार लीपापोती करती है , फिर आरोपी को रिहा कर दिया जाता है। ” कांग्रेस नेत्री के कहा “दुःख होता है कि हर छोटी बात ट्ववीट करने वाले प्रधानमंत्री खामोश हो जाते हैं , गृह मंत्री जो गुजरात से ही है एक शब्द नहीं बोलते फिर किस महिला सम्मान की बात होती है? “
निर्भया रेप मामले में तात्कालिक गुजरात के मुख्यमंत्री देश की मीडिया में बयान देते हैं लेकिन अब उनकी खामोशी महिलाओं के मन में भय का भाव पैदा कर रही हैं। राज्यसभा सांसद याग्निक ने कहा निर्भया के दोषियों को तो सजा मिल गयी , लेकिन बिलकिस बानो को कौन सा न्याय मिला। भाजपा ने निर्भया मामले का इस्तेमाल सत्ता पाने और के लिए किया और बिलकिस के दोषियों की रिहाई पर ख़ामोशी सत्ता टिकाने के लिए हैं।
उच्चतम न्यायालय की अधिवक्ता( Supreme Court Advocate )ने आरोपियों की रिहाई के लिए गुजरात सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए बताया कि उच्चतम न्यायालय ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान इस मामले ( बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और 7 हत्या के 11 आरोपियों के रिहाई पर )में तीन महीने में फैसला करने को कहा था लेकिन” रेमीसन स्कीम” (Remisson scheme )की आड़ में कई पहलुओं की अनदेखी की गयी है। याग्निक के मुताबिक वह इस मामले को देश के उच्च सदन में उठाएंगी ।
वहीं गुजरात महिला कांग्रेस की अध्यक्ष जेनी ठुम्मर (Gujarat Mahila Congress President Jenny Thummar) ने कहा की “पिछले दो साल में गुजरात में 3796 बलात्कार (Rape), 61 सामूहिक बलात्कार(Gang rape) और 8028 महिला उत्पीड़न( Women Harassment) के मामले आधिकारिक तौर से दर्ज हुए है।
इस फैसले से उन पीड़ितों के मन में भी असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। बतौर महिला यह सोचकर डर लगता है कि ” किसी गर्भवती महिला के साथ 11 लोग सामूहिक बलात्कार करें , 7 -7 हत्या करें अदालत से सजा हो , उनके छूटने पर मिठाई बाटी जाय , ढोल बजाये जाये। आरोपियों में दो सगे भाई हो ” फिर महिला सशक्तिकरण , और बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं जैसी बाते ” जुमला ” है।
आरएसएस शुरू से महिला विरोधी है , संघ संचालित भाजपा की गुजरात और केंद्र सरकार उसी मानसिकता को आगे बढ़ा रही हैं।
बिलकिस बानो मामले पर विस्तार से जानने के लिए नीचे दी गयी खबर को पढ़े –
बोलीं बिलकिस बानोः 2022 अचानक ही हमारे लिए 2002 जितना डरावना हो गया है