सूरत में ढाई साल की बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार और हत्या करने के मामले में 38 वर्षीय व्यक्ति को अदालत ने महज 33 दिनों में मौत की सजा सुनाई है। साथ ही लड़की के माता-पिता को 20 लाख रुपये देने का आदेश दिया है।
अश्लील वीडियो देखने के बाद आरोपी गुड्डू यादव ने बच्ची के साथ बर्बरतापूर्ण हरकत की थी। भविष्य में मिसाल कायम करने के लिए राज्य सरकार ने सड़कों पर होर्डिंग लगाने का फैसला किया है, जिसमें अपराधियों का विवरण और उन्हें मिली सजा का विवरण दिखाया गया है। इसमें आरोपियों की तस्वीर भी शामिल है। राज्य में मासूम बच्चियों से बलात्कार के मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों को सख्त और तत्काल सजा दिलाने में सफल होने के बाद से पुलिस का मनोबल बढ़ा है।
गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि दुष्कर्म के मामलों में केंद्र और राज्य सरकारों ने प्रभावी कार्रवाई की है। निकट भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार महज एक महीने में विशेष कार्य योजना लाने जा रही है। दुष्कर्म के ज्यादातर मामलों में आरोपियों ने अश्लील फिल्में देखकर इस तरह के जघन्य कृत्य किए हैं। इसलिए शहरों में मोबाइल की दुकानों से अश्लील वीडियो या फिल्में डाउनलोड करने वालों पर पुलिस की पैनी नजर रहेगी।
बच्ची से छेड़छाड़ के एक और मामले में फांसी की सजा
-सूरत के पांडेसरा-वडोद में ढाई साल की मासूम से रेप और हत्या करने वाले गुड्डू यादव को पोक्सो कोर्ट के जज प्रकाश चंद्र काला ने फांसी की सजा सुनाई है।
-ढाई साल पहले लड़की से छेड़छाड़ के आरोप में कोर्ट ने एक और आरोपी को मौत की सजा सुनाई है।
-सीसीटीवी फुटेज के आधार पर लड़की का शव दो दिन बाद मिला और तीसरे दिन आरोपी यादव को गिरफ्तार कर लिया गया।
- इस मामले में 7 दिनों में चार्जशीट दाखिल की गई और 6 चरणों में ट्रायल पूरा किया गया।
उत्तर प्रदेश में भी आरोपियों की तस्वीरें सार्वजनिक की गईं
नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के विरोध में मार्च 2020 में उत्तर प्रदेश में हिंसा भड़क उठी थी। राज्य सरकार ने हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोपियों के पोस्टर लगाए थे। हालांकि बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सभी पोस्टरों को हटाने का आदेश दिया।