गुजरात हाई कोर्ट में कामकाज की भाषा के रूप में अंग्रेजी के साथ-साथ गुजराती को भी शामिल करने की मांग की गई है। इसके लिए याचिका दायर कर राज्य और केंद्र की सरकारों को हाई कोर्ट की ओर से निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में शिकायत की गई है वैसे तो राज्य सरकार स्थानीय भाषा के समर्थन की बात करती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हो रहा है।
अदालत ने याचिकाकर्ता रोहित पटेल से कुछ जानकारी और दस्तावेज जमा करने के लिए कहा था, जिसके आधार पर वह हाई कोर्ट की कार्यवाही के लिए गुजराती भाषा के इस्तेमाल की मांग कर रहे हैं। ये जानकारियां राज्यपाल के कार्यालय, राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट से प्राप्त की जानी थी।
जनहित याचिका में गुजरात के राज्यपाल के 2012 के फैसले को लागू करने के लिए राज्य और केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है, जिसमें हाई कोर्ट की सुनवाई में अंग्रेजी के अलावा गुजराती के उपयोग को अधिकृत (authorizing) किया गया है। यह तर्क दिया जाता है कि राज्यपाल का निर्णय मंत्रिपरिषद (council of ministers) की सलाह पर था, जिसने राज्य विधानसभा द्वारा लिए गए निर्णय को व्यक्त किया था।