‘भारतीय न्याय संहिता 2023’, ‘भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023’ और ‘भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023’ पर मसौदा रिपोर्टों पर विचार करने और अपनाने के लिए गृह मामलों पर संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) की एक बैठक 27 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में होगी। इसकी बैठक दोपहर करीब 12 बजे समिति कक्ष ‘2’ में होगी।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita 2023), भारतीय न्याय संहिता 2023 (Bharatiya Nyaya Sanhita 2023) और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 (Bharatiya Sakshya Bill 2023) को 11 अगस्त को संसद के निचले सदन में पेश किया गया था।
ये विधेयक क्रमशः भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को प्रतिस्थापित करना चाहते हैं।
बिल पेश करते हुए गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने कहा कि इन तीन नए कानूनों की आत्मा नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना होगा।
उन्होंने कहा, “ब्रिटिश काल के कानून उनके शासन को मजबूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य न्याय देना नहीं, बल्कि दंड देना था।”
“हम (सरकार) इन दोनों मूलभूत पहलुओं में बदलाव लाने जा रहे हैं। इन तीन नए कानूनों की आत्मा भारतीय नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना होगा। उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं बल्कि न्याय देना होगा और इस प्रक्रिया में अपराध की रोकथाम की भावना पैदा करने के लिए जहां आवश्यक होगा वहां सजा दी जाएगी,” शाह ने जोर दिया।
गृह मंत्री ने कहा कि सीआरपीसी की जगह लेने वाले भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक में अब 533 धाराएं होंगी। “कुल 160 धाराएं बदली गई हैं, नौ नई धाराएं जोड़ी गई हैं और नौ धाराएं निरस्त की गई हैं,” उन्होंने कहा।