पार -नर्मदा -ताप्ती रिवर लिंक प्रोजेक्ट ( paar -tapti narmda -river -link project ) के विरोध में खड़े हुए आंदोलन के ज्वार को रोकने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किए गए लेकिन आदिवासी समुदाय का आंदोलन विरोध के रूप में गांधीनगर तक पहुंच गया. इस मुद्दे पर सत्ताधारी दल और सरकार के बीच गांधीनगर से दिल्ली तक कई बैठकों के बाद प्रोजेक्ट को स्थगित करने का निर्णय लिया गया ,लेकिन आदिवासी समाज की परियोजना को स्थगित नहीं रद्द करने की मांग जस की तस बनी हुयी है। इस मामले पर नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा और विधायक अनंत पटेल दिल्ली पहुंचे हैं।
वाइब्स ऑफ इंडिया के साथ बात करते हुए विधायक अनंत पटेल ने कहा, “तापी-पार -नर्मदा रिवर लिंक परियोजना अंततः भारी विरोध के कारण स्थगित कर दी गई है लेकिन हमने परियोजना को रद्द करने की मांग की है। हम दिल्ली जाएंगे और एक आयोजित करेंगे वहां प्रेस कांफ्रेंस करेंगे.” साथ ही इस मसले पर अपने नेताओं से भी मिलेंगे।
विधायक अनंत पटेल पिछले एक महीने से अधिक समय से दक्षिण गुजरात के विभिन्न तालुकों में बांध के मुद्दे पर रैलियां कर रहे हैं, जिसमें वह आदिवासी समुदाय को एकजुट करके आंदोलन को मजबूत कर रहे हैं।
विदित हो की केंद्र सरकार की ओर से एक बैठक का आयोजन दिल्ली में किया गया था, जिसमें सत्ताधारी दल के स्थानीय आदिवासी नेता, विधायक, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए थे.
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय जल आपूर्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत के साथ बैठक में केंद्र को योजना के कारण गुजरात में आदिवासियों की दुर्दशा से अवगत कराया गया.
जिसके बाद परियोजना को स्थगित करने का फैसला किया गया।
पार-तापी-नर्मदा नदी जोड़ने की परियोजना में सात बांध बनने वाले हैं , जिसमें डांग के वाघई तालुका में तीन बांध बनने जा रहे हैं।