राज्य चयन बोर्ड के अध्यक्ष और अहमदाबाद के पूर्व मेयर असित वोरा के लिए नया साल मुश्किल भरा होगा , हेड क्लर्क के पेपर लीक मामले में शिकंजा उनके इर्द गिर्द मड़राता जा रहा है । आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से प्रदेश भाजपा मुख्यालय में बवाल काटा , और मुख्य लिपिक परीक्षा पेपर मामले में जिस तरह से खबरे बाहर आ रही है उससे दिल्ली आलाकमान भी खासा नाराज है |
मुद्रेश पुरोहित और असित वोरा के बीच गठबंधन तो जगजाहिर है और यह भी सच है कि मुद्रेश का संबंध बीजेपी के साथ-साथ आरएसएस से भी है, अब इस मामले में सरकार की स्थिति आने वाले दिनों में गंभीर हो सकती है.यह सब कुछ उस समय हो रहा है जब मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेंद्र पटेल सरकार ने 100 दिन पूरे किये हैं | ऐसे में 100 दिन के जश्न का रंग भी फीका पड रहा है |
आप आदमी पार्टी इस मामले में मुख्य विपक्षी दल की अतिरिक्त भूमिका निभाने की कोशिश कर रही है ,आप का लगभग पूरा प्रदेश नेतृत्व जब हिरासत में है तब उनका उनके केंद्रीय प्रभारी गुलाब यादव ने आकर मोर्चा सभांलने की कोशिश की है , पत्रकार परिषद के बाद जिलाधिकारी सेवासदन में उपवास पर बैठने की कोशिश के दौरान पुलिस ने उन्हें , महेश सवाणी समेत कार्यकर्ताओं को डीटैन कर लिया है ,इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से आसित वोरा को बुलावा भेजा गया, फिलहाल वोरा मुख्यमंत्री कार्यालय में सफाई देने की कोशिश कर रहे हैं |
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात की और असित वोरा को हटाने की मांग को लेकर आवेदन दिया। साथ ही राज्य के लाखों पढ़े-लिखे उम्मीदवार सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाल रहे हैं.अब सरकार धीरे-धीरे संभावित नुकसान का आंकलन कर रही है |
अब सरकार असित वोरा मामले को गंभीरता से ले रही है। सूत्रों ने कहा कि असित वोरा कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं या वोरा को इस्तीफा देने के लिए कहा जा सकता है। उधर, सूर्या ऑफसेट प्रिंटिंग प्रेस के मालिक मुद्रेश पुरोहित की पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के साथ ही सरकारी प्रिंटिंग प्रेस होने के बावजूद वोरा ने निजी प्रेस को प्रिंटिंग के लिए पेपर क्यों दिया, इसका कोई जवाब नहीं है। पुलिस के मुद्रेश को पकड़ने से अब कागजी घोटाले में बड़ा धमाका हो सकता है। ऐसी खबरें हैं कि पुलिस को असित वोरा के खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत भी मिले हैं और वोरा से कभी भी पूछताछ की जा सकती है।
असित वोरा पहले से ही शक के दायरे में हैं और युवराज सिंह ने पेपरलीक का सबूत दिया तो भी वह मानने को तैयार नहीं थे. असित वोरा की उस वक्त काफी बॉडी लैंग्वेज काफी कुछ कह रही है , अब जबकि असित वोरा के खिलाफ शक की सुई और मजबूत होती जा रही है तो ऐसा लग रहा है कि असित वोरा कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं|
अंबली-बोपल रोड पर सूर्या ऑफसेट के मालिक मुद्रेश पुरोहित की गिरफ्तारी के बाद अब उसकी जांच में कागजी घोटाले का राज सामने आ सकता है. सरकार ने प्रिंटिंग प्रेस को पेपर प्रिंटिंग के लिए नहीं दिया और असित वोरा ने वहां क्यों दिया इसका कोई जवाब नहीं है। पुलिस अब गहन जांच कर रही है और असित वोरा तक पहुंच सकती है। राज्य सरकार भी बेहद मुश्किल में है।