जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में बाल श्रम (child labour) और बाल शोषण (child abuse) की प्रभावी रोकथाम के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त (high-powered) समिति बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्ताव के अनुसार, राज्य के बाल अधिकारिता (Child Empowerment) मंत्री को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि राजस्थान के श्रम और योजना मंत्री और आदिवासी क्षेत्रीय विकास मंत्री, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सह-अध्यक्ष और अध्यक्ष, अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रधान सरकारी सचिव के साथ बोर्ड में भी होंगे। गृह विभाग के प्रधान सचिव, जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव, श्रम एवं योजना विभाग के शासन सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा बाल अधिकारिता विभाग के शासन सचिव, अपर पुलिस महानिदेशक (एएचटी) कमेटी के सदस्य होंगे।
समिति का प्रशासनिक विभाग बाल अधिकारिता विभाग होगा। समिति में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत विषय विशेषज्ञ सदस्यों में अखिलेश काकानी (नया सवेरा, जयपुर), राजेन्द्र परिहार (लवकुश, जोधपुर), बीएम भारद्वाज (अपनाघर, भरतपुर) भोजराज सिंह (आसरा विकास संस्थान, उदयपुर) शामिल हैं। बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त और संयुक्त शासन सचिव सदस्य समति के सचिव के रूप में होंगे।
Read Also: एनटीपीसी की सालाना नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 1,000 गीगावॉट के पार