पाकिस्तान ने देश में भारत के विदेश मंत्रालय के प्रभारी भारतीय राजनयिक को तलब किया है और उन्हें एक रिपोर्ट सौंपा है जिसमें इस्लामाबाद द्वारा कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के खिलाफ “मनगढ़ंत आरोप” लगाने की कड़ी निंदा की गई है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, “भारतीय राजनयिक को पाकिस्तान की गंभीर चिंता से अवगत कराया गया था कि स्वदेशी कश्मीरी नेतृत्व की आवाज को दबाने के लिए, भारत सरकार ने उन्हें काल्पनिक और प्रेरित मामलों में फंसाने का प्रयास किया है।” भारतीय पक्ष को 2019 से “अमानवीय परिस्थितियों” के तहत तिहाड़ जेल में यासीन मलिक की कैद पर पाकिस्तान की गहरी चिंता से भी अवगत कराया गया था।
पाकिस्तान ने भारत से यासीन मलिक को सभी “निराधार” आरोपों से बरी करने और जेल से तत्काल रिहा करने का भी आह्वान किया ताकि वह अपने परिवार के साथ फिर से मिल सके, अपने स्वास्थ्य को ठीक कर सके और सामान्य जीवन में लौट सके, विदेश कार्यालय ने कहा।
यासीन मालिक कश्मीर के अलगाववादी संगठन का नेता है और कई वर्षों से वो अलगाववादी गतिविधियों के लिए सुर्खियों में भी रह चुका है।
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