पाक की नेशनल असेंबली को भंग करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने नेशनल असेंबली की तरफ से तीन अप्रैल को डिप्टी स्पीकर की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव रद्द किए जाने के फैसले को असंवैधानिक बताया और कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान का राष्ट्रपति से संसद भंग करने का आग्रह भी पूरी तरह गैरकानूनी था। अब कोर्ट के इस फैसले के बाद राष्ट्रपति का संसद भंग करने का फैसला भी रद्द हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि संसद को बहाल कर दिया गया है। इसी के साथ नेशनल असेंबली में इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना होगा। कोर्ट ने इसके लिए तारीख भी मुकर्रर कर दी है। 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की यह पूरी सुनवाई डिप्टी स्पीकर के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर हुई थी, जिसमें इमरान सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था। इस फैसले से पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अपनी कानूनी टीम के साथ अहम बैठक की थी। इमरान ने कहा है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ अदालत के फैसले को स्वीकार करेगी। इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
वहीं, इस मामले को देखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से सुप्रीम कोर्ट में कमांडोज को भी तैनात किया गया है। इससे पहले नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद पाकिस्तान की संसद को भी भंग कर दिया गया था और 90 दिनों के भीतर चुनाव कराने की मांग हुई थी।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने इमरान खान को लगाई फटकार
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कार्यवाहक पीएम इमरान खान को फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस ने कहा कि मौजूदा संकट में आपने 90 दिनों के लिए देश को बेसहारा छोड़ दिया।
इमरान को असेंबली भंग करने का अधिकार : अटार्नी जनरल
चीफ जस्टिस ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक का पूरा ब्योरा तलब किया, जिसमें पीटीआई नीत सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए विदेशी साजिश के सुबूत पर चर्चा हुई थी। सरकार का पक्ष रख रहे अटार्नी जनरल खालिद जावेद खान ने कोर्ट से कहा कि वह खुली अदालत में परिषद की बैठक का ब्योरा नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि कोर्ट बिना किसी की वफादारी पर सवाल उठाए कोई भी आदेश पारित कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के पास असेंबली को भंग करने का अधिकार था।
चुनाव आयोग ने कही यह बड़ी बात
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा है कि अक्तूबर 2022 से पहले आम चुनाव संभव नहीं हैं, क्योंकि ईसीपी को देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए सात महीने समय चाहिए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गहरे राजनीतिक संकट में; सत्ता छोड़नी पड़ सकती है सत्ता