राजस्थान में 200,000 से अधिक किसान मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना (Mukhyamantri Beej Swavlamban Yojana) की बदौलत आत्मनिर्भरता की राह पर हैं। यह पहल, जो कृषि विभाग (agriculture department) से बढ़ी हुई बीज किस्मों को प्रदान करती है, ने किसानों को बाज़ार से खरीदने के बजाय अपने स्वयं के बीजों का उत्पादन करने में सक्षम बनाया है।
एक वरिष्ठ कृषि अधिकारी के मुताबिक, सभी जिलों के किसानों को गेहूं, चना, ज्वार, सोयाबीन, मूंगफली और दालों समेत मुफ्त बीज मिले हैं। परिणामस्वरूप, किसानों की पैदावार और राजस्व में वृद्धि हुई है और बीज की उपलब्धता का मुद्दा स्थायी रूप से हल हो गया है।
कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि पिछले चार वर्षों में, 224,000 से अधिक किसानों को 46,326 क्विंटल उन्नत बीज प्राप्त हुए हैं, जिसके बदले में 214,262 क्विंटल बीज का उत्पादन हुआ है। मुख्यमंत्री ने राज्य के बजट में घोषणा की है कि इस कार्यक्रम से अब 50,000 किसानों को लाभ होगा, इस वित्तीय वर्ष में किसानों को 15 करोड़ रुपये मूल्य के 34,276 क्विंटल बीज दिए जाएंगे।
50% किसान छोटे और सीमांत होने के कारण, यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक किसान के पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर भूमि हो। जयपुर जिले के माचरखानी गांव के किसान गिरधारी मामोदिया को 15 किलो उन्नत किस्म का चना मुफ्त में मिला और उन्होंने सफल अंकुरण और उच्च उत्पादन की रिपोर्ट दी।
यह पहल राजस्थान (Rajasthan) में छोटे और सीमांत किसानों (marginal farmers) को सशक्त बनाने और समर्थन देने की दिशा में एक कदम है।
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