गुजरात के जूनागढ़ शहर (Junagadh city) में हिंसा ने एक व्यक्ति की जान ले ली, जिसको कथित रूप से एक पत्थर से मारा गया था। अतिक्रमण (encroachment) हटाने के लिए एक दरगाह (dargah) को गिराने की नागरिक निकाय की योजना का विरोध करने के लिए लोगों के एक समूह ने एक वाहन को आग लगा दी, जिसमें कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए। गुस्साई भीड़ ने नारेबाजी की और दरगाह को नोटिस दिए जाने से वह भड़क गए। घटना शुक्रवार को शहर के मजेवाड़ी दरवाजा के पास की है।
घटना में मृतक के पोस्टमॉर्टम के बाद उसकी मौत के कारणों का पता चल सकता है, लेकिन पुलिस को संदेह है कि आसपास पथराव के कारण उसे गंभीर चोटें आई हैं।
पुलिस ने कथित तौर पर स्थिति के नियंत्रण से बाहर होने के बाद आंसू गैस (tear gas) के गोले का सहारा लिया और प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाईं। एक राष्ट्रीय समाचार पत्र ने दावा किया कि उन्होंने तलाशी अभियान में 174 लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस अधीक्षक रवि तेजा वासमसेट्टी के हवाले से कहा गया कि, “14 जून को, जूनागढ़ नगर निगम (Junagadh Municipal Corporation) ने मजेवाड़ी दरवाजा के पास एक मस्जिद को जमीन के स्वामित्व के संबंध में दस्तावेज पेश करने के लिए नोटिस जारी किया। नोटिस से गुस्साए करीब 500-600 लोग शुक्रवार रात धार्मिक ढांचे के पास जमा हो गए और सड़कों को जाम कर दिया”
जूनागढ़ के डिप्टी एसपी और अन्य कर्मचारियों ने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारियों से लगभग घंटे भर की बातचीत के बाद विफल रहे। वासमसेट्टी ने कहा कि सड़क जाम हटाने की कोशिश के बाद पुलिस पर पथराव किया गया।
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