नगर निगम के मेयर चुनाव मामले (MCD Mayor Election) में आम आदमी पार्टी (AAP) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने याचिका पर बड़ा फैसला देते हुए कहा कि मेयर चुनाव में राज्यपाल द्वारा मनोनीत 10 पार्षद (एल्डरमैन) वोट नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा- ‘हम एमसीडी और एलजी की ये दलील नहीं मान रहे कि पहली मीटिंग में मनोनीत पार्षद वोट कर सकते हैं. मेयर के चुनाव के लिए पहली मीटिंग के लिए 24 घंटे में नोटिस जारी किया जाए. नोटिस में मेयर चुनाव और अन्य चुनाव की तारीख बताई जाए.’
एमसीडी मेयर (MCD Mayor Election) और डिप्टी मेयर के चुनाव में मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने के एलजी के फैसले को चुनौती देने वाली आप नेता डॉ. शैली ओबेरॉय की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने ये फैसला सुनाया. वोटिंग में हो रही देरी पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “देश की राजधानी में ये हो रहा, अच्छा नहीं लगता”.
पहले मेयर का चुनाव होगा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 243R के हिसाब से मनोनीत पार्षद वोट नहीं दे सकते. चुनाव जल्द से जल्द होना बेहतर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले मेयर का चुनाव होगा. उसके बाद डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग काउंसिल का चुनाव होगा. एमसीडी के वकील एडिशनल सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने कहा कि एल्डरमैन (मनोनीत पार्षद) वोट दे सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश जनतंत्र की जीत है’. – केजरीवाल
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है. केजरीवाल ने लिखा- सुप्रीम कोर्ट का आदेश जनतंत्र की जीत है’. सुप्रीम कोर्ट का बहुत बहुत शुक्रिया. ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा. ये साबित हो गया है कि एलजी और बीजेपी मिलकर आए दिन दिल्ली में कैसे गैरकानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं.