नए साल (New Year 2023) में गहलोत सरकार (Gehlot government) राजस्थान के 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है। वसुंधरा राजे सरकार (Vasundhara Raje government) के समय से ही सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में कर्मचारी जिन विसंगतियों को दूर करने की मांग कर रहे थे, उन्हें नए साल में दूर किया जा सकता है। इसको लेकर बनी खेमराज कमेटी (Khemraj Committee) ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को सौंप दी है। अब मुख्यमंत्री इस रिपोर्ट की जांच कर कर्मचारियों की मांग पूरी कर सकते हैं। इससे पहले वसुंधरा सरकार ने इस मसले को लेकर सामंत कमेटी (Samant committee) का गठन किया था। लेकिन इसकी फाइनल रिपोर्ट आने से पहले ही राज्य में सरकार बदल चुकी थी।
गहलोत सरकार (Gehlot government) ने उस रिपोर्ट को नहीं माना और सेवानिवृत्त आईएएस खेमराज चौधरी (IAS Khemraj Chaudhary) की अध्यक्षता में खेमराज समिति (Khemraj Committee) का गठन किया। खेमराज समिति का कार्यकाल भी तीन बार बढ़ाया गया। उसे लेकर कर्मचारियों में रोष था। लेकिन अब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को सौंप दी है। उसके बाद कर्मचारियों को उम्मीद है कि आने वाले बजट में कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार तमाम विसंगतियों को दूर कर कर्मचारियों को बड़ा चुनावी तोहफा देगी।
सामंत समिति का कार्यकाल 4 बार और खेमराज समिति का 3 बार बढ़ाया गया
आपको कैसा लगेगा जब उम्मीद दिखाकर कोई चीज बार-बार टूट जाए। ऐसा ही कुछ अब तक राजस्थान के करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारियों के साथ हो रहा था। सातवें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) के लागू होने के बाद पहली वसुंधरा सरकार (Vasundhara Sarkar) ने इसमें वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए 3 नवंबर 2017 को डीसी सामंत कमेटी (DC Samant Committee) का गठन किया था। लेकिन इस कमेटी का कार्यकाल 4 बार बढ़ाया गया।
खेमराज समिति का गठन 5 अगस्त 2021 को किया गया था
5 अगस्त 2019 को सामंत कमेटी (Samant Committee) ने अपनी रिपोर्ट गहलोत सरकार (Gehlot government) को सौंपी। लेकिन सरकार ने इस पर फैसला लेने की बजाय इसे लटकाए रखा। वहीं, करीब दो साल बाद 5 अगस्त 2021 को पूर्व आईएएस खेमराज चौधरी (IAS Khemraj Chaudhary) की अध्यक्षता में एक और कमेटी का गठन किया गया। लेकिन उनका कार्यकाल भी लगातार तीन बार बढ़ाया गया। ऐसे में कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटने लगा था। कर्मचारियों ने बार-बार कार्यकाल बढ़ाने के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी भी दी थी।
कर्मचारियों को मिल सकता है चुनावी तोहफा
सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot ) ने अपने पिछले बजट में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू कर बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला था। वहीं इस बार पेश होने वाला बजट गहलोत सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट है। ऐसे में गहलोत सरकार एक बार फिर खेमराज कमेटी (Khemraj Committee) की रिपोर्ट को लागू कर कर्मचारियों को मनाने की कोशिश कर सकती है। क्योंकि सरकार जानती है कि अगर चुनाव में कार्यकर्ता उसके साथ आ गए तो सत्ता में वापसी की राह आसान हो सकती है। माना जा रहा है कि इस बजट में कर्मचारियों को चुनावी तोहफा (election gifts) मिलना लगभग तय है। वहीं यदि समिति के अनुसार विसंगतियों को दूर किया जाता है तो प्रत्येक कर्मचारी को आर्थिक रूप से लाभ होगा। जिसकी आस में कर्मचारी पिछले कई वर्षों से बैठे हैं।
Also Read: वडोदरा में गैंडे की सींग के साथ दो गिरफ्तार