गुजरात में नए मंत्रियों के शपथ लेने से पहले ही मुख्यमंत्री कार्यालय यानी सीएमओ के कर्मचारियों को दिलचस्प तरीके से बदल दिया गया है।
अब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कार्यालय में अधिकारियों का एक नया जीवंत समूह आ गया है। नए सीएमओ में उत्कृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड वाले सीनियर, जूनियर और मध्य स्तर के अधिकारियों का समूह है। किसी पर पहले का कोई दाग नहीं। सीएमओ की इस नई टीम के पास वित्त, प्रशासन, उद्योग, बंदरगाह, विकास और सामाजिक विकास आदि के तमाम अनुभव हैं।
यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि गुजरात के सबसे सक्षम रिटायर नौकरशाह, जिनके पास नौकरशाही और राजनीति दोनों की एक अद्वितीय असाधारण समझ है, कुनियिल कैलाशनाथन हैं। उन्हें केके के नाम से भी जाना जाता है। वह न केवल सीएमओ बल्कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के लिए भी प्रमुख व्यक्ति बने रहेंगे।
केके के अलावा सीएमओ पूरी तरह से नया हो गया है। गुजरात सरकार सीएमओ कार्यालय में चार आईएएस अधिकारियों को लाई है, जिनमें एक नया अतिरिक्त मुख्य सचिव भी शामिल है।
सीएमओ के नए अधिकारी
1989 बैच के अधिकारी पंकज जोशी, मनोज के दास की जगह अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किए गए हैं। 2003 बैच के आईएएस अधिकारी अवंतिका सिंह औलख निवर्तमान सचिव अश्विनी कुमार के स्थान पर सीएम भूपेंद्र पटेल के नए सचिव होंगे।
इसके अलावा, भरूच के कलेक्टर और 2006 में आईएएस के रूप में पदोन्नत गुजरात लोक सेवा आयुक्त अधिकारी एम डी मोडिया, को केएन शाह के स्थान पर सीएम का विशेष कार्य अधिकारी यानी ओएसडी बनाया गया है।
इसी तरह 2012 में आईएएस अधिकारी के रूप में ही पदोन्नत अहमदाबाद नगर निगम में उप नगर आयुक्त एन एन दवे को डीएच शाह की जगह सीएम के ओएसडी के रूप में नियुक्त किया गया है।
दिलचस्प और महत्वपूर्ण बात यह है कि मोडिया और दवे दोनों मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के तब भी करीबी सहयोगी थे, जब वे 2010 में पार्षद थे और फिर अहमदाबाद नगर निगम के सबसे महत्वपूर्ण निकाय स्थायी समिति के अध्यक्ष बने, जो सभी निविदाओं, विकास और बुनियादी ढांचे के काम को मंजूरी देती थी। वह तभी से इन अधिकारियों के संपर्क में हैं, जिन्हें अब अपने साथ सीएमओ ले आए हैं।
आइए, इनमें से हर अधिकारी पर डालें एक नजर।
कौन हैं के कैलाशनाथन?
के कैलाशनाथन 1979 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो 2013 में सेवानिवृत्त हुए थे। लेकिन तब तक वह तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आंख और कान बन चुके थे, जो न केवल उनके नौकरशाही और प्रशासनिक कौशल से बल्कि उनकी राजनीतिक अंतर्दृष्टि और सार्थक राजनीतिक भविष्यवाणियों से भी बहुत प्रभावित थे। केके को तब मुख्य प्रधान सचिव के रूप में शामिल किया गया था, जिस रूप में वे अभी भी कार्य कर रहे हैं। यह केके के लिए सीएम मोदी द्वारा बनाया एक विशेष पद था।
कैलाशनाथन गुजरात सरकार के प्रशासन में 33 साल की सेवा के बाद 2013 में सेवानिवृत्त हुए। उन्हें नरेंद्र मोदी का करीबी और वफादार सहयोगी माना जाता है। शायद यही वजह है कि उन्होंने गुजरात के सीएम के रूप में मोदी के कार्यकाल के दौरान प्रशासनिक और राजनीतिक रूप से मदद करना जारी रखा।
कहा जाता है कि उन्होंने नर्मदा घाटी के आसपास पानी की पाइपलाइन ग्रिड के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो राज्य की 70 प्रतिशत आबादी को कवर करती है। इसके अलावा राज्य सरकार की प्रमुख सौनी योजना में नर्मदा के पानी को सौराष्ट्र तक ले जाने और राज्य सरकार के प्रति आदिवासियों का समर्थन बढ़ाने वाली वन बंधु योजना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1979 से 2021 तक अपनी लंबी सेवा में यानी 33 साल से अधिक समय में केके राज्य के अधिकांश मौजूदा राजनेताओं की तुलना में गुजरात को बेहतर और सटीक रूप से जान गए हैं।
पंकज जोशी
सीएमओ में पहुंचने वाले 1989 बैच के इस कुशल आईएएस अधिकारी के साथ वित्त सचिव पंकज जोशी का बहुत अच्छा तालमेल रहा है। वह अवंतिका के साथ भूपेंद्र पटेल के कार्यालय का चेहरा होंगे। जोशी ने सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक, दिल्ली आईआईटी से एम.टेक और रक्षा एवं सामरिक अध्ययन में एमफिल किया है। वह गुजरात सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों में से एक हैं। इससे पहले पंकज जोशी सरकार के ऊर्जा एवं पेट्रोरसायन विभाग के प्रमुख सचिव रह चुके हैं। वह गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड, गुजरात अल्कलिस एंड केमिकल्स लिमिटेड, गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सरदार सरोवर निगम, गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी लिमिटेड, गुजरात स्टेट पेट्रोनेट के बोर्ड में निदेशक, गुजरात मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के निदेशक भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं, वह गुजरात स्टेट इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
अवंतिका सिंह
आईएएस अधिकारी अवंतिका सिंह को मुख्यमंत्री के सचिव होने की अहम जिम्मेदारी दी गई है। अवंतिका सिंह 2003 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह मैरीटाइम बोर्ड से सीएमओ में आई हैं, जहां वह सीईओ थीं।
अवंतिका की नियुक्ति बहुत महत्वपूर्ण है। वह पहले अहमदाबाद की कलेक्टर रह चुकी हैं और उन्होंने कुछ उल्लेखनीय विकास कार्य किए हैं। प्रशासन, शिक्षा, बुनियादी ढांचे में बहुत अच्छा अनुभव रखती हैं। आम जनता के लिए वह धैर्यवान, सुलभ, बुद्धिमान और संवेदनशील हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनके बैच के रूपवंत सिंह, जो वर्तमान में भूविज्ञान और खनन आयुक्त हैं, उनके पति हैं। आईएएस में शामिल होने से पहले अवंतिका, जो पंजाब के होशियारपुर की रहने वाली हैं, ने इंस्ट्रुमेंटल एंड कंट्रोल (IC) में इंजीनियरिंग में स्नातक किया। करियर के शुरुआत में अवंतिका तकनीकी शिक्षा आयुक्त और अहमदाबाद का कलेक्टर रह चुकी हैं। वह आणंद, भरूच और वडोदरा में कलेक्टर, गांधीनगर और आणंद में जिला विकास अधिकारी और गुजरात सरकार के ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल विभाग में उप सचिव भी रह चुकी हैं। वह 1997 बैच के अश्विनी कुमार की जगह आई हैं।