- भय के माहौल में 10 मिनट इंतजार ,59 सेकंड का आयोजन , भाजपा में शामिल हुए हार्दिक
- पास से तीन साल पहले अलग हो गया था , भाजपा में सिपाही बनकर भूमिका निभाने आया हु
कभी जीएमडीसी ग्राउंड में 10 लाख की सभा को संबोधित कर देश की नजर में आये पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, जिन्होंने हाल ही में कांग्रेस छोड़ी थी, गुजरात चुनाव से कुछ महीने पहले आज भाजपा में शामिल हो गए। लेकिन 28 वर्षीय हार्दिक के मंच पर पहुंचने के बाद , 10 मिनट तक भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल ने इंतजार कराया। कभी कांग्रेस के स्टार प्रचारक और कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक का भाजपा में स्वागत समारोह महज 59 सेकंड में खत्म हो गया।
कड़ी सुरक्षा के बीच गुजरात के गांधीनगर में भाजपा कार्यालय श्रीकमलम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान भाजपा प्रदेश ने उन्हें भाजपा का खेस पहनाया जबकि पूर्व उप मुख्यमंत्री और पाटीदार नेता नीतिन पटेल ने उन्हें भगवा टोपी पहनायी। इस दौरान हार्दिक ने दोनों नेताओं को श्रीमद भगवत गीता और सरदार पटेल की फोटो भेट की।
आश्चर्यजनक ढंग से आयोजन को समेटने की जल्दी इतनी थी की कोई भाषणबाजी भी नहीं हुयी। हार्दिक पर स्याही फेंकने की मंशा रखे कुछ लोगो को पुलिस ने कमलम में प्रवेश के पहले ही डीटेन कर लिया
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पटेल के अलावा, हार्दिक पटेल के शामिल होने पर भाजपा का कोई वरिष्ठ नेता मौजूद नहीं था, जो इस प्रवेश पर असंतोष का संकेत दे रहा था, हार्दिक भाजपा और उसके शीर्ष नेतृत्व को निशाने पर लेते हुए राजनीति में अपने तीन साल का एक बड़ा हिस्सा बिताया। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं। जिनको पटेल अक्सर निशाने पर लेते थे। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल जो पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी पटेल ( वर्तमान राज्यपाल उत्तरप्रदेश , जिन्हे पटेल आंदोलन कारण अपनी कुर्सी गवानी पड़ी थी ) के कैम्प के माने जाते है , इस आयोजन से दुरी बनाकर रखी। जबकी मुख्यमंत्री पटेल कांग्रेस के आदिवासी नेता रहे आश्विन कोतवाल समेत कई नेताओ के सदस्यता -स्वागत कार्यक्रम में शामिल हुए थे और सबने भाषण भी दिया था।
हार्दिक पटेल ने अपने 180 डिग्री के सवालों को टाल दिया
बाद में आयोजित पत्रकार परिषद में भी भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल और पूर्व उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भाग नहीं लिया।इस दौरान हार्दिक पटेल ने अपने 180 डिग्री के सवालों को टाल दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “फेकू ” और गृह मंत्री अमित शाह को ” गुंडा ” कहने वाले पटेल ने कहा कि वह आंदोलन की बात थी , आंदोलन में माहौल अलग होता है , लेकिन 370 हटाने पर मैंने गृह मंत्री की तारीफ की थी।
भाजपा में जाऊंगा तो मेरी माँ का दूध लज्जित होगा के पूर्व बयान को मीडिया कर्मियों द्वारा याद दिलाने पर पटेल ने कहा ” नहीं – बिलकुल नहीं ,मेरी माँ का दूध लज्जित नहीं हुआ” मेरी माँ का दूध इतना कमजोर नहीं है।
पाटीदार आंदोलन के दौरान हिंसा में मारे गए 14 व्यक्तियों जिन्हे अभी तक हार्दिक शहीद कहते थे के दोषियों को सजा और उनके परिजनों को सरकारी नौकरी पर भाजपा के ” नए सिपाही ” ने कहा उन्हें उम्मीद है की सरकार उनके परिजनों को नौकरी देगी , तब तक वह वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे।
पास से खुद को अलग करते हुए उन्होंने कहा की वह पास से तीन साल पहले ही अलग हो गए हैं , अब पास के कन्वीनर अल्पेश कथीरिया है , इसलिए पास का क्या रुख होगा , इसका जवाब उनके पास नहीं है।
भाजपा के साथ किसी तरह की सेटिंग से इंतजार करते हुए आक्रामक युवा तुर्क ने कहा कि मामले अदालत में हैं अभी वह दोषी नहीं करार दिए गए है , सरकार और अदालत अपना काम करेगी।
हार्दिक ने मोदी जी के साथ युवा सिपाही के रूप में समाज और देश हित में काम करने की बात कही। हार्दिक ने कहा कि पीएम मोदी दुनिया की शान हैं.इस मौके पर हार्दिक पटेल ने दावा किया है कि वह निकट भविष्य में कांग्रेस के विधायकों को भी बीजेपी में आएंगे. इस दौरान वह किसी भी तरह अपने पूर्व में दिए गए बयानों से बचते नजर आये।
कम समर्थको के साथ शामिल होने के सवाल पर पटेल ने कहा की संख्या उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है , आज जो लोग आये हैं वह सहयोग देने के लिए आए हैं। वह सिपाही की तरह मोदी जी के लिए काम करेंगे।
विदित हो कि 2017-18 में कोटा के लिए पाटीदार आंदोलन का नेतृत्व करते हुए, उन्होंने बार-बार वीडियो और सार्वजनिक रैलियों के साथ भाजपा पर निशाना साधा था। जब वे एक “सेक्स सीडी” में पकड़े गए, तो उन्होंने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था ।
भाजपा में शामिल होने से पहले हार्दिक पटेल ने पूजा की और आशीर्वाद लिया।
भाजपा में शामिल होने से पहले हार्दिक पटेल ने पूजा की और आशीर्वाद लिया। पिछली 18 मई को कांग्रेस पार्टी को छोड़ने के बाद से ही यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे भाजपा में जाएंगे। कांग्रेस पार्टी में गुजरात के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल 2015 में पाटीदार आंदोलन के दौरान सुर्खियों में आए थे। उस समय देशभर में उनकी काफी चर्चा हुई थी। इसके बाद 2019 में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और काफी कम उम्र में ही पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए गए थे।
गुजरात की 182-सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। पटेल ने कांग्रेस छोड़ने से पहले पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में दावा किया था कि पार्टी ने देश में कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर केवल ‘‘एक अवरोधक की भूमिका निभाई’’ है और वह ‘‘हर चीज का केवल विरोध करने तक ही सिमट गई’’ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कभी कटु आलोचक रहे पूर्व कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने गुरुवार को भाजपा में शामिल होने से पहले ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री के एक ‘‘सिपाही’’ के तौर पर काम करेंगे और एक ‘‘नए अध्याय’’ काे आरंभ करेंगे। उन्होंने लिखा, ‘‘राष्ट्रहित, प्रदेश हित, जनहित एवं समाज हित की भावनाओं के साथ आज से नए अध्याय का प्रारंभ करने जा रहा हूं।
भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी जी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्र सेवा के भागीरथ कार्य में छोटा सा सिपाही बनकर काम करुंगा।’’कभी भाजपा के धुर आलोचक रहे पटेल के खिलाफ गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार ने राजद्रोह सहित कई आरोपों में मामले दर्ज किए थे।
उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए), 121 (ए) तथा 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था और वह 2016 से जमानत पर हैं। भाजपा सरकार ने भी हाल ही में 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में हार्दिक पटेल और अन्य के खिलाफ दर्ज कई मामलों को वापस लेने के लिए कदम उठाए हैं।
कांग्रेस से बीजेपी तक हार्दिक पटेल को किसने पहुंचाया?
हार्दिक की नाराजगी का उपेक्षा नहीं बल्कि वीरमगाम की सीट है असली कारण