मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में नीदरलैंड भारत के लिए पांचवां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य यानी मंजिल बन गया है। यह एक प्रभावशाली वृद्धि है, क्योंकि देश पिछले वर्ष भारत का 10 वां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य था। भारत ने 12.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सामान का निर्यात किया, जो कि 2020-2021 वर्ष की तुलना में 94% अधिक है।
नीदरलैंड को भारत का निर्यात मुख्य रूप से 2.6 बिलियन डॉलर का एविएशन टर्बाइन फ्यूल और 1.7 बिलियन डॉलर का डीजल था। अन्य निर्यातों में बेंजीन, एल्यूमीनियम सिल्लियां, स्मार्ट फोन, झींगा और कई अन्य शामिल थे।
बेहतर व्यापार संबंधों ने इस बदलाव में बहुत योगदान दिया है। भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंध स्वतंत्रता के बाद 1947 में ही शुरू हुए। पिछले महीने दोनों देशों ने 75 साल के संबंधों का जश्न मनाया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस देश का दौरा किया था।
कोविंद ने कहा था, ‘पिछले साढ़े सात दशकों में भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। नीदरलैंड अब भारत में तीसरा सबसे बड़ा निवेशक है। इसी तरह, भारत भी नीदरलैंड में शीर्ष निवेशकों में से एक के रूप में उभर रहा है। नीदरलैंड जल प्रबंधन और वैज्ञानिक जानकारी में अग्रणी है। दोनों पक्ष इस क्षेत्र में कई संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। कृषि, स्वास्थ्य, बंदरगाह और नौवहन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा और शहरी विकास को सहयोग के अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है।’
नीदरलैंड ने जर्मनी, बेल्जियम, ब्रिटेन, हांगकांग और सिंगापुर को पीछे छोड़ते हुए भारत का पांचवां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बन गया। हालांकि, यह अनिश्चित है कि क्या देश चालू वर्ष में इस स्थिति को बनाए रख सकता है।
फिर भी, अमेरिका लगभग 76 अरब डॉलर के साथ भारत का शीर्ष निर्यात गंतव्य बना रहा, इसके बाद दूसरे नंबर पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) 28 अरब डॉलर और चीन 21.3 अरब डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर बना रहा।