प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सुभाष चंद्र बोस के 126वें जन्मदिन पर उनके “भारत के इतिहास में अद्वितीय योगदान” को याद करते हुए उनकी सराहना की।
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और भारत के इतिहास में उनके अद्वितीय योगदान को याद करता हूं। उन्हें औपनिवेशिक शासन के प्रति उनके उग्र प्रतिरोध के लिए याद किया जाएगा। हम भारत के लिए उनके विजन को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं।”
सरकार ने 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को मनाने के लिए 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया था। आज के पराक्रम दिवस पर पीएम मोदी परमवीर चक्र पाने वाले 21 वीरों के सम्मान में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनजान द्वीपों का नाम बदलने वाले समारोह में ऑनलाइन भाग लेने वाले हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान के अनुसार, नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर बनाए जाने वाले राष्ट्रीय स्मारक के मॉडल का अनावरण भी पीएम मोदी द्वारा किया जाएगा। राष्ट्रीय स्मारक नेताजी के सम्मान में बनाया गया है।
2018 में जब प्रधानमंत्री द्वीप पर आए थे, तब नेताजी के सम्मान और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के ऐतिहासिक महत्व के लिए रॉस द्वीप समूह का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप कर दिया गया था। शहीद द्वीप और स्वराज द्वीप जैसे नाम क्रमशः नील द्वीप और हैवलॉक द्वीप को दिए गए।
पीएमओ के बयान में कहा गया है, “देश के वास्तविक जीवन के नायकों को उचित सम्मान देना हमेशा प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। इसी भावना के साथ आगे बढ़ते हुए अब द्वीप समूह के 21 सबसे बड़े अनाम द्वीपों का नामकरण 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर करने का निर्णय लिया गया है।
नेताजी का जन्म 23 जनवरी, 1897 को हुआ था। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों में से एक थे। आजाद हिंद फौज की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने की थी। हालांकि 18 अगस्त, 1945 को ताइपे में एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत विवादास्पद बनी हुई है। वैसे केंद्र सरकार ने 2017 में एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) में पुष्टि की कि वह इस घटना में मारे गए थे।
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