नासा के वैज्ञानिकों ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अंतरिक्ष में रहने योग्य क्षेत्र में पृथ्वी के आकार के एक ग्रह का पता लगाया है।
नासा के अनुसार, उसने अपने ट्रांसिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट (TESS) से जानकारी जुटाई है। इस एक्सोप्लैनेट का नाम TOI 700e है। यह एक चट्टानी ग्रह है। इसका आकार पृथ्वी के आकार का 95% है।
दक्षिण कैलिफोर्निया के पासाडेना में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में पोस्टडॉक्टरल फेलो और रिसर्च की मुख्य लेखक एमिली गिल्बर्ट का कहना है कि यह ऐसे कुछ ही सिस्टम में से एक है, जिसमें कई रहने लायक ग्रह हैं। TOI 700 सिस्टम दिलचस्प है। प्लैनेट e, प्लैनेट d से लगभग 10% छोटा है, इसलिए सिस्टम यह दिखाता है कि कैसे TESS के ऑब्जरवेशन हमें छोटी और छोटी दुनिया खोजने में मदद करते हैं। बता दें कि इस सिस्टम के एक और ग्रह को 2020 में खोजा गया था। उसे TOI 700d नाम दिया गया था। उसका आकार भी पृथ्वी जैसा ही है। दोनों एक्सोप्लैनेट अपने तारे के हैबिटेबल जोन में हैं। यानी तारे से इतनी दूरी पर हैं कि उनकी सतहों पर तरल पानी भी हो सकता है। बता दें कि तरल पानी से ही पता चलता है कि ग्रह रहने लायक है।
एक ही प्रणाली में तीन ग्रह- जिन्हें TOI 700 b,c और d के नाम से जाना जाता है, पहले नासा द्वारा खोजे गए थे। तारे के रहने योग्य क्षेत्र में ग्रह d भी शामिल है।
गिल्बर्ट ने कहा, “प्लैनेट e दरअसल ग्रह d से लगभग 10% छोटा है। इसलिए सिस्टम यह भी दिखाता है कि कैसे अतिरिक्त टीईएसएस अवलोकन हमें छोटी और छोटी दुनिया खोजने में मदद करते हैं।”
TOI 700 e एक छोटा लाल बौना तारा है, जो पृथ्वी से लगभग 100 प्रकाश वर्ष दूर है। 2020 में नासा इंटर्न के रूप में काम करने वाले न्यूयॉर्क के एक बच्चे ने एक सर्कुलेटरी ग्रह की खोज की, जो एक ऐसा ग्रह है जो दो सितारों की परिक्रमा करता है और पृथ्वी से 6.9 गुना बड़ा है।
नासा के अनुसार, वुल्फ कुकियर की खोज असामान्य थी, क्योंकि सर्कुलेटरी ग्रहों को आमतौर पर स्पॉट करना मुश्किल होता है। तारे के रहने योग्य क्षेत्र में दो एक्सोप्लैनेट- प्लैनेट d और e की 37 और 28 दिनों की लंबी ऑर्बिट हैं, क्योंकि वे तारे से थोड़ा ज्यादा दूर हैं. नया प्लैनेट e दरअसल c और d के बीच में है।
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