वेलिंगटन (न्यूजीलैंड) पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगा रहा माइक्रोवेव ओवन के आकार वाला नासा का उपग्रह सोमवार को सफलतापूर्वक कक्षा से निकल कर चंद्रमा की तरफ बढ़ गया है। चंद्रमा पर एक बार फिर अंतरिक्ष यात्री भेजने की योजना के तहत नासा का यह नया कदम है।
‘कैप्स्टन’ उपग्रह का सफर पहले से ही कई मायने में असामान्य रहा है। इसको छह दिन पहले न्यूजीलैंड के माहिआ प्रायद्वीप से प्रक्षेपित किया गया था। इसे रॉकेट लैब कंपनी ने अपने छोटे से इलेक्ट्रॉन रॉकेट से प्रक्षेपित किया था।
रॉकेट लैब के संस्थापक पीटर बेक ने कहा कि उनके लिए अपने उत्साह को शब्दों में बयां कर पाना कठिन है। बेक ने कहा, ‘‘इस परियोजना पर हमने दो-ढाई साल का समय लगाया। इसका क्रियान्वयन बहुत ही कठिन था।’’ बेक ने कहा कि सापेक्षिक दृष्टि से कम लागत वाला यह अभियान अंतरिक्ष अभियान की दिशा में नये युग की शुरुआत करेगा। नासा ने इस पर 3.27 करोड़ अमेरिकी डॉलर खर्च किए हैं।बेक ने कहा कि अब कुछ करोड़ अमेरिकी डॉलर में आप के पास रॉकेट और अंतरिक्षयान होंगे, जो आप को सीधे चंद्रमा, क्षुद्रग्रहों के अलावा शुक्र और मंगल ग्रह पर भी ले जाएंगे।
बेक के मुताबिक, नई कक्षा का महत्व यह है कि इससे ईंधन का इस्तेमाल कम हो जाता है, और यह उपग्रह या अंतरिक्ष स्टेशन को धरती के लगातार संपर्क में रखती है। न्यूजीलैंड से 28 जून को प्रक्षेपित किया गया इलेक्ट्रॉन रॉकेट अपने साथ ‘फोटोन’ नामक एक दूसरा अंतरिक्ष यान ले जा रहा था। अंतरिक्ष यान के इंजन के सोमवार को समय-समय पर चलने पर ‘फोटोन’ पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव से अलग हो गया और इसने उपग्रह को उसके रास्ते पर भेज दिया।