रेल कर्मी हमेशा अपनी ड्यूटी के दौरान सतर्क रहते हुए यात्रियों की मदद करने की पूरी कोशिश करते हैं। ऐसा ही सुखद क्षण सोमवार को शताब्दी एक्सप्रेस के नडियाद स्टेशन पर देखने को मिला, जहां रेल कर्मियों द्वारा कृत्रिम सांस के माध्यम से ट्रेन में बेहोश यात्री को पुनर्जीवित किया गया.
अजय रावल और उनकी पत्नी ट्रेन नंबर 12010 अहमदाबाद-मुंबई शताब्दी एक्सप्रेस में सी/3 कोच में सीट 38 और 39 पर गांधीनगर से बोरीवली जा रहे थे। इस दौरान नडियाद थाना प्रभारी राकेश मित्तल को सूचना मिली कि अजय रावल की तबीयत ठीक नहीं है और वह बेहोशी की हालत में है. तेजी से कार्रवाई करते हुए उन्होंने एंबुलेंस को सूचना दी और स्ट्रेचर लेकर प्लेटफॉर्म पर पहुंच गए।
उसे ट्रेन से नीचे उतारने पर पता चला कि उसकी हालत नाजुक है और उसकी सांसें थम गई हैं। इस दौरान पॉइंटमैन जयेश मेधा और खुद राकेश मित्तल ने मिलकर उन्हें बारी-बारी से सीपीआर (कृत्रिम श्वास) दिया और यात्री की जान बचाई। इस मानवीय कृत्य से पूरा माहौल खुशियों में बदल गया।
इसके तुरंत बाद, उन्हें नडियाद के महागुजरात अस्पताल ले जाया गया। सह-यात्री वंदना रावल ने पश्चिम रेलवे के यात्रियों के हित में समर्पण, कड़ी मेहनत और त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया. वडोदरा मंडल के डीआरएम अमित गुप्ता ने रेलकर्मियों की इस अद्भुत मानवीय पहल की सराहना की और उनके लिए पुरस्कार की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस प्रकार का सीपीआर (कृत्रिम श्वास) प्रशिक्षण सभी रेलवे कर्मचारियों को दिया जाता है ताकि जरूरत पड़ने पर चौबीसों घंटे तत्काल मदद दी जा सके.