दिसम्बर 2016 ,वितराग सोसायटी निवासी 9 वर्ष की जैन बेटी ने सांसारिक मोह छोड़कर दीक्षा ली , 5 साल बाद समय फिर वही आकर खडा हो गया है , इस बार दीक्षा लेने वाले माता पिता है | लेकिन बेटी आध्यात्मिक यात्रा में आगे निकल चुकी है | इसलिए अब माँ शिष्य होगी और बेटी गुरु | पिता ने भी सांसारिक जीवन छोड़ने का निर्णय किया है | दीक्षांत समारोह 20 जनवरी को सूरत में आयोजित किया गया है |
विदित हो की पालड़ी के वितराग पिछले 50 साल से मितुल जशवंतलाल दोषी का परिवार रहता है , मितुल का जन्म भी अहमदाबाद में ही हुआ है , और वह मार्केटिंग के क्षेत्र जुड़े हैं | जबकि उनकी पत्नी अर्तिका दोषी एकाउंटेंट हैं | उनकी 9 वर्षीय बेटी जिया ने दिसम्बर 2016 में दीक्षा ले ली थी अब वह महराज साहब है | अर्तिका उन्ही की उपस्थिति में दीक्षा लेंगी |
अहमदाबाद में वरसीदान वरघोड़ा तथा महापूजा का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है | जबकि सूरत में परमान्द जैन संघ परिवार की उपस्थिति में दीक्षांत समारोह होगा | मितुल और अर्तिका 16 जनवरी को गृह त्याग करेंगे | जबकि विभिन्न धार्मिक विधियों के बाद 20 को महराज साहिबा की उपस्थिति में दीक्षा लेकर सांसारिक जीवन का त्याग कर धर्म की दिशा में आगे बढ़ेंगे |