पिछले पांच वर्षों में अधिकतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बच्चों और महिलाओं में एनीमिया की शिकायतें बढ़ी हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के नवीनतम निष्कर्षों के अनुसार, 2021 में 6-59 महीने के 67.1% बच्चे एनीमिया से पीड़ित थे, जबकि 2016 में यह 58.6% था।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी सर्वे के अनुसार, 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एनीमिया से पीड़ित बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कम से कम 69.2% बच्चे और 49.4% महिलाएं एनीमिक पाई गईं।
राज्यों में एनीमिक बच्चों में सबसे अधिक वृद्धि असम में हुई है, जहां ऐसे मामलों की संख्या 2016 के 35.7% से बढ़कर 68.4% हो गई है। असम के बाद मिजोरम (27.3 प्रतिशत की वृद्धि), छत्तीसगढ़ (25.6%), ओडिशा (19.6%), पुडुचेरी (19.1%), मणिपुर और जम्मू-कश्मीर (18.9%) का स्थान है।
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेशों में लद्दाख में सबसे अधिक एनीमिक बच्चों का प्रतिशत 92.5% है। ऐसा शायद वहां लंबी सर्दियों के दौरान ताजी सब्जियों और फलों की कमी के कारण है। अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दो तिहाई से अधिक एनीमिक बच्चे गुजरात (79.7%), दादर और नगर हवेली और दमन और दीव (75.8%), मध्य प्रदेश (72.7%), जम्मू और कश्मीर (72.7%), राजस्थान (71.5%), पंजाब (71.1%), हरियाणा (70.4%), तेलंगाना (70%), बिहार (69.4%), असम (68.4%), पश्चिम बंगाल (69%), महाराष्ट्र (68.9%) और उत्तर प्रदेश (66.4%) हैं। कुल मिलाकर 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उनके दो तिहाई से अधिक बच्चे एनीमिक हैं।
सर्वे में शामिल महिलाओं में से लगभग 57% एनीमिक पाई गईं। यह 2016 (एनएफएचएस-4) के 53.1% मुकाबले 3.9 प्रतिशत अंक की वृद्धि है। 2016 और 2021 के बीच 23 राज्यों में महिलाओं में एनीमिया बढ़ा। इनमें असम फिर से लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सूची में सबसे ऊपर है। 17 प्रतिशत की वृद्धि के साथ जम्मू और कश्मीर की महिलाएं दूसरे स्थान पर रहीं। इसके बाद छत्तीसगढ़ (13.8 प्रतिशत) और त्रिपुरा (12.7प्रतिशत) का स्थान रहा।
महिलाओं में 92.8% और पुरुषों में 76% एनीमिया के साथ लद्दाख फिर से सूची में सबसे ऊपर है। लद्दाख के बाद पश्चिम बंगाल (71.4%), त्रिपुरा (67.2%), असम (65.9%) और जम्मू-कश्मीर (65.9%), झारखंड (65.3%), गुजरात (65%), ओडिशा (64.3%) और बिहार (63.5%) हैं।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादर और नागर हवेली, दमन और दीव, हरियाणा, लक्षद्वीप और मेघालय में एनीमिया से पीड़ित बच्चों और महिलाओं दोनों की संख्या में विपरीत प्रवृत्ति दर्ज की गई।
केरल, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड बच्चों और महिलाओं में एनीमिया की कम दर वाले राज्य हैं। हालांकि, मेघालय को छोड़कर इन सभी राज्यों में ऐसे मामलों में वृद्धि हुई, जहां एनीमिक महिलाओं की संख्या में 2.4 प्रतिशत अंक की कमी आई। केरल ने एनीमिया का सबसे कम स्तर दर्ज किया, लेकिन वहां भी एनीमिक बच्चों (35.7% से 39.4%) और एनीमिक महिलाओं (34.3% से 36.3%) की संख्या में वृद्धि देखी गई।
सर्वे के निष्कर्षों से यह भी पता चला है कि पुरुष 2016 के 22.7% मुकाबले में 2021 में 25% एनीमिक थे।
एनएफएचएस दरअसल प्रजनन वाली आयु वर्ग की महिलाओं में एनीमिया के लिए हीमोग्लोबिन के स्तर को 12 ग्राम प्रति डेसीलीटर (जी/डीएल) से कम पर विचार करता है। इसी तरह पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 11.0 ग्राम/डीएल से कम, और 15-49 आयु वर्ग के पुरुषों में 13.0 ग्राम/डीएल से कम।
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