मोरबी केबल ब्रिज (hanging bridge) हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 132 हो गई है। यह जानकारी सोमवार को गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने दी। उन्होंने कहा कि बचावकर्मी अभी भी लापता दो लोगों की तलाश कर रहे हैं।
पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा, “माच्छू नदी में बचाव अभियान अंतिम चरण (last stage) में है। यह जल्द ही खत्म हो जाएगा।” मंत्री ने कहा, “अभी तक की जानकारी के अनुसार, हादसे में 132 लोगों की जान चली गई और दो लापता हैं।” सांघवी ने कहा कि राज्य सरकार ने हादसे की जांच के लिए एक समिति बना दी है।
राज्य के सूचना विभाग (state information department) ने कहा कि स्थानीय बचाव दल के अलावा एनडीआरएफ (NDRF) की पांच टीमें, एसडीआरएफ (SDRF) की छह प्लाटून, एयर फोर्स की एक टीम, सेना की दो टुकड़ियां और नौसेना की दो टीमें रात भर चले अभियान में शामिल थीं।
एक सदी से अधिक पुराने (century-old bridge) पुल को बड़े पैमाने पर मरम्मत (repairs) और नवीनीकरण (renovation) के बाद पांच दिन पहले ही फिर से खोल दिया गया था। रविवार शाम इस पुल पर बड़े पैमाने पर लोग पहुंच गए थे, जिससे करीब 6.30 बजे पुल का बड़ा हिस्सा टूट कर नदी में गिर गया। प्रत्यक्षदर्शियों (eyewitness) ने कहा कि ब्रिटिश काल के “हैंगिंग ब्रिज” पर हुए हादसे से काफी महिलाएं और बच्चे नीचे पानी (plunging) में गिर गए।
एक प्रत्यक्षदर्शी (eyewitness) ने कहा कि कुछ लोगों को पुल पर कूदते (jumping on the bridge) और उसके बड़े तारों को खींचते (pulling its big wires) हुए देखा गया। हो सकता है कि “भारी भीड़ (huge crowd)” के कारण पुल गिर गया हो।
ढहने के बाद पुल का जो कुछ बचा था, वह धातु के कैरिजवे (metal carriageway) का हिस्सा था, जो एक छोर से नीचे गहरे पानी में लटक गया था। इसकी मोटी केबल जगह-जगह टूट गई थी।
लोकल अस्पताल में लोगों ने भीड़ को रोकने के लिए एक मानव श्रृंखला (human chain) बना ली थी। इससे एम्बुलेंस के लिए रास्ता खुला रखा जा सका और बचाए गए लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया।
सांघवी ने कहा कि पुल ढहने की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (five-member high-powered committe) बना दी गई है। इसमें सड़क एवं भवन विभाग (Roads and Buildings department) के सचिव (secretary) संदीप वसावा और चार दूसरे सीनियर अफसर शामिल हैं।
सांघवी ने कहा कि पुल ढहने के मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा 304 (culpable homicide not amounting to murder), जानबूझकर मौत का कारण बनने की धारा 308 (intentional act causing death) और अपराध के दौरान मौजूद अपराधी की धारा 114 (abettor present when offence committed) के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है। मंत्री ने कहा कि जो भी जिम्मेदार पाया जाता है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल दीपावली की छुट्टी और रविवार होने के कारण प्रमुख पर्यटक आकर्षण (major tourist attraction) पुल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस (Gujarati New Year Day) पर जनता के लिए फिर से खोले जाने से पहले एक निजी संचालक (private operator) ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था। फिर
जीर्णोद्धार (renovation work) का काम पूरा होने के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया। एक अफसर ने बताया कि स्थानीय नगरपालिका ने मरम्मत और सुधार को लेकर अभी तक कोई फिटनेस प्रमाणपत्र (fitness certificate) जारी नहीं किया था।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल देर रात दुर्घटनास्थल (accident site) पर पहुंचे और सिविल अस्पताल में घायलों से भी मुलाकात की। इस बीच, राज्य सरकार ने मृतकों (deceased) के परिजनों को चार-चार लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा (compensation) देने की घोषणा की है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना के बाद मोदी ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को अहमदाबाद में होने वाला अपना रोड शो रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को मोदी की ऑनलाइन होने वाली एक “पेज कमेटी सम्मेलन” को भी स्थगित कर दिया गया है।
कांग्रेस ने कहा कि उसकी परिवर्तन संकल्प यात्रा जो सोमवार को राज्य भर के पांच क्षेत्रों से निकाली जानी थी, पुल गिरने के बाद एक दिन के लिए स्थगित कर दी गई है।