- आम आदमी से दूर रहेगा गिर का केसर , 1500 -2000 तक मिलेगा बाजार में
फलों का राजा अगर आम है तो गिर का आम महाराजा है। लेकिन इस बार महाराजा आम आदमी से दूर रहने वाला है। खराब मौसम के कारण काम हुए उत्पादन के कारण भाव आसमान पर है , तलाला मार्केट यार्ड में गिर केसर की पहली बोली सोमनाथ गिर के विधायक विमल चूडास्मा ने लगायी , उन्होंने एक बॉक्स आम के 16000 रुपये में ख़रीदे। पम्परा के मुताबिक यह राशि गौशाला को भेट की जाती है। इसके बाद सामान्य बोली शुरू हुयी जो बेहतर गुणवत्त्ता के आम 1500 रूपये प्रति बॉक्स के हिसाब से बिके।
सरकार को फसल बीमा योजना में शामिल करना चाहिए आम को – चुडास्मा
सोमनाथ से कांग्रेस विधायक विमल चुडासमा ने तलाला यार्ड में केसर आम की नीलामी का उद्घाटन करते हुए गुजरात सरकार पर बागवानी के किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने आगे कहा कि गिर जिले में केसर आम उगाने वाले किसान पिछले पांच वर्षों से विभिन्न कारणों से पीड़ित हैं।
अगर सरकार बागवानी फसलों में नारियल, चीकू और विशेष केसर केरी जैसी फसलों को शामिल कर फसल बीमा में कवर करती है, तो बागवानी फसलों को लेने वाले किसानों को नुकसान नहीं होगा। विधानसभा में भी मामला उठाया किया जाता है तो भी गुजरात सरकार को किसानों के हित में फैसला नहीं ले रही है।
पिछले साल की तुलना में पहले दिन ही आये तीन हजार से कम बॉक्स
पिछले दो वर्षों से प्रतिकूल मौसम के कारण इस वर्ष गिर जिले में केसर आमों का उत्पादन कम होने के कारण पहले दिन तलाला यार्ड में केवल 2,600 पेटियों की नीलामी की गई। पता चला है कि पिछले साल की तुलना में 3 हजार बॉक्स कम आए हैं।
विश्व प्रसिद्ध गिर पंथ के केसर आम के गढ़ तलाला गिर के प्रांगण में आज से केसर आमों की नीलामी शुरू हो गई है. गिर के प्रसिद्ध केसर आम की कीमतों ने पिछले सभी वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ दिए, इस साल नीलामी के पहले दिन अधिकतम 1,500 रुपये प्रति बॉक्स अच्छे आमों की बोली लगाई गई।
आम व्यापारी कालूभाई बोरीचा ने कहा कि पिछले वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस वर्ष केसर आम का उत्पादन घट रहा है। फिर भी, आम आम आदमी से दूर होता जा रहा है।
केसर आम की औसत कीमत 800 रुपये से 1500 रुपये तक होगी। इस साल राजस्व कम होने के बावजूद सीजन लंबा बना रहेगा और कीमतें औसत ही रहेंगी। इस साल पूरे सीजन के दौरान तलाला यार्ड में मुश्किल से 5 लाख केसर आमों के डिब्बे आने की उम्मीद है। तय है कि केसर इस साल गरीबों के लिए कड़वा होगा।
सीजन लंबा होगा लेकिन राजस्व कम हो जाएगा
। जिससे इस साल केरी के निर्यात की संभावना भी न के बराबर नजर आ रही है। क्योंकि हर साल एक आम के बाग से 300 से 400 पेटी आम की नीलामी होती है, जिसके मुकाबले इस साल 15 से 60 पेटी ही आने की उम्मीद है। हालांकि इस साल का सीजन 15 जून तक चलने की संभावना है, लेकिन केसर आम का राजस्व अपेक्षाकृत कम रहेगा।
बढे भाव के बावजूद किसानो को होगा नुकसान
आम के बाग के मालिक कैलाशभाई डाभी ने कहा कि उच्च कीमतों के बावजूद इस साल पूरे गिर क्षेत्र में जलवायु के प्रतिकूल प्रभाव के कारण केसर आम का उत्पादन घट रहा है। नतीजतन केसर आम उगाने वाले किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
अगर आम के औसत दाम ऊंचे रहते हैं तो किसानों को कम नुकसान होगा। जिससे व्यापारी को भी ज्यादा नुकसान नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई एकाधिकारियों ( वह जो भाड़े पर आम के बाग खरीदते हैं )ने बगीचे में आम के पेड़ और पत्ते देखे हैं और 15 लाख रुपये की राशि का एकाधिकार रखा है।
उन्हें मुश्किल से पांच लाख रुपये की आम की फसल मिल पा रही है। केसर के डिब्बे की न्यूनतम कीमत 1500 रुपये से 2000 रुपये तक हो तो भी पूंजी ही जुटाई जा सकती है।