जर्मनी की मेट्रो एजी की भारतीय इकाई मेट्रो कैश ऐंड कैरी में निवेश सौदे के लिए तीन व्यावसायिक घराने दौड़ में हैं। उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि रिलायंस, अडाणी समूह और थाईलैंड का कारोबारी समूह चैरोएन पोकफांड (सीपी) आंशिक या पूरी हिस्सेदारी को खरीदने की दौड़ में आगे चल रहे हैं। गुरुग्राम मुख्यालय वाली इस कंपनी के देश भर में 31 स्टोर हैं। इनमें प्रत्यक्ष तौर पर 5,000 कर्मचारी काम करते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, जर्मनी की रिटेल शृंखला के भारत में थोक कारोबार में निवेश करने के लिए निजी इक्विटी कंपनियों सहित लगभग 20 कंपनियों ने मेट्रो एजी से संपर्क किया है।
अडाणी के लिहाज से:
अगर यह बोली अडाणी जीते तो प्रतिस्पर्धियों के लिए मेट्रो सौदे से एक और मोर्चा खुल जाएगा। अडाणी समूह हाल ही में अडाणी विल्मर के उत्पादों को बेचने के लिए शुरू किए गए फॉच्यून मार्ट के जरिये रिटेल क्षेत्र में है। समूह की तेल और खाद्य ब्रांड से इतर भी रिटेल क्षेत्र में विस्तार की योजना है। बैंकाक का सीपी समूह अपनी सहायक इकाई सियाम माक्रो के जरिये कई देशों में कैश ऐंड कैरी कारोबार में है।
रिलायंस के लिहाज से:
अगर यह बोली रिलायंस जीतती है, तो रिटेल क्षेत्र में वॉलमार्ट, उड़ान, डी-मार्ट तथा एमेजॉन को टक्कर देने के लिए उसकी स्थिति और मजबूत होगी।
सियाम मैक्रो के लिहाज से:
कई देशों में थाईलैंड का सियाम मैक्रो एक बड़ा कैश एंड कैरी बड़ा खिलाड़ी है। सियाम मैक्रो ने 2018 में घोषणा की कि वह ई-ब्रांड होलसेल सॉल्यूशंस के तहत भारतीय थोक कैश एंड कैरी मार्केट में प्रवेश करेगा। एक अन्य स्रोत के अनुसार, मेट्रो कैश एंड कैरी को खरीदने का एक सफल प्रयास सीपी समूह के भारत के उद्देश्यों में मदद करेगा।