दूधसागर डेयरी में करीब 500 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता के मामले में गिरफ्तार विपुल चौधरी (Vipul Chaudhary) को जिला सत्र न्यायालय ने 7 दिन के रिमांड (remand ) पर भेज दिया है। वहीं दूसरी तरफ चौधरी की गिरफ्तारी का राजनीतिक असर भी दिखा।
गुजरात के सहकारी क्षेत्र का एक प्रमुख चेहरा और 1996 में शंकरसिंह वाघेला सरकार में गृह मंत्री रहे चौधरी के समर्थको ने अदालत परिसर के बाहर और उत्तर गुजरात के कई तहसील मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस को समर्थकों की विशाल संख्या के कारण आरोपी को पिछले गेट से अदालत में ले जाना पड़ा। चौधरी (Vipul Chaudhary) गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के पूर्व अध्यक्ष हैं, जो अमूल ब्रांड के मालिक हैं, और उन्होंने मेहसाणा के दूधसागर डेयरी का भी नेतृत्व किया है। चौधरी के समर्थन में 30 से अधिक नेताओं ने भाजपा से त्यागपत्र दे दिया। साथ ही देवदार अर्बुदा सेना ने शनिवार को देवदार बंद की घोषणा की है.
विपुल चौधरी (Vipul Chaudhary) 23 को दोपहर 12 बजे तक रिमांड पर रहेंगे। लोक अभियोजक विजय बारोट ने 10 दिन के रिमांड की मांग की थी। यह तर्क दिया गया कि वित्तीय लेनदेन की जांच के लिए रिमांड आवश्यक है , लेकिन अदालत ने चौधरी का 7 दिन का रिमांड मंजूर किया है।
अर्बुदा सेना ने विसानगर में एक विशाल रैली की। साथ ही जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर विपुल चौधरी पर साजिशन कार्यवाही का आरोप लगाया गया । पूर्व मंत्री किरीट पटेल ने भी विपुल चौधरी को निर्दोष बताते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की। पूर्व विधायक किरीट पटेल का आरोप है कि चुनाव से ठीक पहले विपुल चौधरी को मामलों में फंसाया जा रहा है.
विपुल चौधरी (Vipul Chaudhary) की गिरफ्तारी को लेकर अर्बुदा सेना ने वडगाम और दाता में भी विरोध प्रदर्शन किया गया ।
धनेरा विधायक नाथाभाई पटेल, पूर्व विधायक जोइताभाई पटेल सहित अर्बुदा सेना के युवा मौजूद थे। भाजपा ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विपुल चौधरी को शाम तक रिहा करने की मांग की. साबरकांठा जिले के तालुका मुख्यालयो के साथ डिसा में भी विरोध प्रदर्शन हुआ.उत्तर गुजरात में चौधरी की गिरफ्तारी पर कई जगह विरोध प्रदर्शन हुए , चौधरी समर्थकों ने धमकी देते हुए कहा कि हर चुनाव के पहले चौधरी को परेशान किया जाता है , यदि उनकी रिहाई नहीं हुई तो वह राजनीतिक गतिविधियों से अलग हो जाएंगे।
प्राथमिकी में उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के आरोप लगाए गए हैं।
चौधरी को इससे पहले गुजरात आपराधिक जांच विभाग (CID) ने 2020 में दूधसागर डेयरी श्रमिकों को बोनस देने के लिए बनाए गए फंड से 14.8 करोड़ रुपये की हेराफेरी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
2014 में उन्हें पशु चारा खरीद में कथित भ्रष्टाचार को लेकर जीसीएमएमएफ और दूधसागर डेयरी दोनों से बर्खास्त कर दिया गया था।