केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया कल अपने स्कूल पहुंचे। जहां उन्होंने आज से करीब 35 साल पहले पढ़ाई की थी।
गुजरात में लगातार 25 साल से बीजेपी की सरकार है, लेकिन कई सरकारी स्कूलों में दीवारों की हालत ऐसी है कि उन्हें ढकने के लिए नक्शों का इस्तेमाल किया जाता है।इस नक्शे के पीछे की सच्चाई अभी भी छिपी हुई है।
मनसुख मांडविया पिछले 20 साल से सरकार में अहम पद पर हैं। हालांकि, अगर उन्हें पढ़ाने वाले स्कूल की हालत ऐसी है, तो गुजरात के भावनगर और अन्य सरकारी स्कूलों की स्थिति के बारे में सोचना ही डरा देता है।
मनसुख मांडविया जन आशीर्वाद रैली के तहत शनिवार को भावनगर पहुंचे, जहां उन्होंने गरियाधर पंथ का दौरा किया। जन आशीर्वाद रैली के दौरान उन्होंने सोनगढ़ गुरुकुल का दौरा किया जहां उन्होंने अध्ययन किया था और शिक्षकों से मुलाकात की। वह उस कक्षा में गए जहाँ उन्होंने अध्ययन किया और दशकों बाद फिर से उसी बेंच पर बैठे जहाँ उन्होंने अपना विद्यार्थी जीवन यापन किया था।
इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर अपने फ़ोटो को लगाते हुए स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा, ‘स्कूल दूसरी मां की तरह होता है। एक मां जन्म देती है और दूसरी मां जीवन का सार सिखाती है।”