राज्य में एक के बाद एक बे मौसम बारिश के कारण किसान को भारी नुकसान हुआ है. इसके साथ ही भारी बारिश से आम को भी भारी नुकसान हुआ है जिससे बाजार में आम की कमी हो जाएगी।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन इस माहौल को देखकर लगता है कि प्रकृति किसान से नाराज है.पिछले 3 साल से किसान पर्यावरण में भारी अस्थिरता देख रहे हैं.
डांग के अलावा, वलसाड, नवसारी, सूरत और तापी, तलाला, राजकोट, जूनागढ़ और भावनगर में सौराष्ट्र के साथ गिर क्षेत्र में आम की फसल को भारी नुकसान हुआ है।
इस बार लगातार बदलते मौसम का खामियाजा जिलों के बागबानी किसानों को भुगतना पड़ा है।
बागवानी फसलों की बात करें तो अकेले दक्षिण गुजरात में 70 हजार हेक्टेयर में बागवानी फसलें लगाई गई हैं।
आम की खेती के लिए किसान लगातार उस पर खाद, खाद, पानी, दवा का छिड़काव कर रहे हैं जिससे आम की फसल अच्छी हो रही है लेकिन इस साल आम की फसल अच्छी नहीं हो रही है बैठे बैठे भारी नुकसान होगा.
किसानों की मांग है कि हर क्षेत्र में सरकार को हमेशा राहत और सहायता प्रदान करनी चाहिए।