राधिका का जन्म साल 1993 में हुआ और वह आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई हैं. राधिका सेन की प्रारंभिक शिक्षा सुंदरनगर के सेंट मैरी स्कूल और दस जमा एक और दो माउंट कार्मल स्कूल चंडीगढ़ से पूरी की. वह आईआईटी पासऑउट हैं.
मंडी. हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सुंदरनगर (Sunder Nagar) शहर की बेटी मेजर राधिका सेन (Major Radhika Sen) ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. वह संयुक्त राष्ट्र में सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार पाने वाली देश की दूसरी भारतीय महिला अधिकारी बनी हैं. बीते गुरुवार को कांगो में मेजर राधिका को अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र (United Nations) शांति रक्षक दिवस पर यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड से नवाजा गया.
यूएन के महासचिव गुटेरेस ने उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया. इससे पहले, भारत की मेजर सुमन गवानी यह सम्मान मिल चुका है. अवार्ड से सम्मानित होने पर राधिका ने देश, सेना, हिमाचल सहित सुंदरनगर का नाम विश्व भर में रोशन किया है.
जानकारी के अनुसार, मेजर राधिका भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन की कमांडर के तौर पर मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक कांगो गणराज्य के पूर्व में तैनात थी. यहां वह इंडियन रैपिडली डिप्लॉयमेंट बटालियन की टीम कमांडर थी. उन्होंने 20 महिला सैनिकों और 10 पुरुष सैनिकों की टीम को लीड किया था. उनका काम मुख्य रूप से लोगों से बातचीत करना, विस्थापितों की समस्याओं को सुलझाना और कॉन्फ्लिक्ट जोन में महिलाओं और बच्चों की आवाज को बुलंद करना था. उनकी अगुवाई में टीम ने महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, बच्चों की देखभाल, लैंगिक समानता और रोजगार जैसे विषयों पर शैक्षणिक सत्र आयोजित किए थे.
8 वर्षों से सेना में दे रही है सेवाएं
राधिका का जन्म साल 1993 में हुआ और वह आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुई हैं. राधिका सेन की प्रारंभिक शिक्षा सुंदरनगर के सेंट मैरी स्कूल और दस जमा एक और दो माउंट कार्मल स्कूल चंडीगढ़ से पूरी की. वह आईआईटी पासऑउट हैं. साल 2016 में राधिका ने कमीशन पास करते हुए सेना में अपनी सेवाएं शुरू कीं. इसके बाद चेन्नई ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी से पास आउट होने के बाद श्रीनगर में पहली पोस्टिंग मिली, जिसके बाद उन्होंने लेह, वेस्ट बंगाल और सिक्किम में अपनी सेवाएं दीं.
माता-पिता को गर्व, बेटी के सम्मान से दोनों गौरवांवित
नगर परिषद सुंदरनगर के भड़ोह वार्ड निवासी राधिका सेन के पिता ओंकार सेन एनआईटी हमीरपुर और माता निर्मला सेन चौहारवैली के कथोग स्कूल से प्रधानाचार्य के पद से रिटायर हुए हैं. राधिका के पिता ओंकार सेन ने बेटी की उपलब्धि को देश की सेना, देशवासियों सहित सुंदरनगर के लोगों को समर्पित करते हुए खुशी प्रकट की. माता-पिता ने कहा कि यह उनके और पूरे परिवार सहित क्षेत्र के लिए गौरव की बात है.
चार भाईयों की आठ बेटियां, सभी एक से बढ़कर एक
राधिका के पूरे परिवार में आठ बेटियां हैं और सभी एक से बढ़कर एक हैं. सभी अच्छे अच्छे पदों पर आसीन हैं और अपने परिवार का गौरव बनाए हुए हैं. मेजर राधिका की बहन कंचन सेन और राधिका सेन ने बताया कि सभी बहनें एक-दूसरे के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. अब उन्हें मेजर राधिका के घर आने का इंतजार है, जब वह इस खुशी को जश्न के रूप में मनाएंगी.
यह भी पढ़ें- पुणे में तेज़ रफ़्तार कार से मौतें: साक्ष्य छेड़छाड़ से जुड़ी वह बातें जो आपको जानना चाहिए..