क्राइम ब्रांच ने सरकारी नौकरी चाहने वालो को नौकरी दिलाने के नाम परमोटी रकम की उगाही के घोटाले का पर्दाफाश किया था. पुलिस ने मामले में मुस्तफा नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। उस व्यक्ति को सरकारी दस्तावेजों को गढ़ने में महारत हासिल थी। आरोपी को कंप्यूटर से डुप्लीकेट बनाने में माहिर है । पुलिस अब तक इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
घटना से मिली जानकारी के अनुसार 4 मार्च को क्राइम ब्रांच के पीआई चेतनकुमार आर जादव को सूचना दी गई कि हरीश प्रजापति (नि. स्वामी विवेकानंद प्रशिक्षण केंद्र मिठाना मुवाड़ा), रवि प्रताप सिंह रावत (नि. ब्यावर) व पूर्विंदर सिंह उर्फ कर्नल ये गिरोह राजस्थान, गुजरात के विभिन्न जिलों में सरकारी नौकरी चाहने वालों से पैसे की मांग करते हुए घोटाले चला रहे हैं। सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच ने गिरोह के दो सदस्यों को दहेगाम सर्कल के पास से गिरफ्तार कर रवि प्रताप सिंह ओमसिंह रावत को दबोच लिया. एक लैपटॉप से, बैग, मोबाइल फोन, पीएसआई, लोकरक्षक, तलाटी सह मंत्री, जूनियर क्लर्क, सेना और अहमदाबाद नगर निगम नौकरी चाहने वालों के आवेदन पत्र और शुल्क रसीद के समर्थन में सबूत मिले।
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि वर्ष 2020 से लेकर आज तक स्वामी विवेकानंद प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक हरीशभाई प्रजापति और पूर्वविंदर सिंह उर्फ कर्नल विभिन्न जिलों के लोगों को भर्ती करने के लिए एक साथ आए हैं, जो सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं। गुजरात में ऑनलाइन फॉर्म भरकर पैसे कमाते थे। जिसके आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने स्वामी विवेकानंद ट्रेनिंग सेंटर जाकर हरीश प्रजापति और पूजा ठाकोर को गिरफ्तार कर लिया.
क्राइम ब्रांच की पीआई ने फर्जी आईकार्ड बनाने के आरोप में पूर्वविंदर सिंह उर्फ कर्नल जगजीत सिंह, शाहरुख (उत्तर प्रदेश में रहने वाले) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने मुस्तफा हुसैनीभाई शाखावा (यू.3, जकारिया पोल, कालूपुर) को गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से कम्यूटर को भी जब्त कर लिया गया है। लोकरक्षक भर्ती के शारीरिक परीक्षण के लिए प्रवेश पत्र, एएमसी का खाली आवेदन पत्र, पुलिस उप निरीक्षक का आईकार्ड, निहत्थे लोकरक्षक की नियुक्ति का नियुक्ति पत्र भी मिला।
डुप्लीकेट पुलिस भर्ती बोर्ड का क्राइम ब्रांच ने किया पर्दाफाश ,3 आरोपी गिरफ्तार