लम्पी वायरस से गुजरात के 16 जिले प्रभावित , 1000 से अधिक पशुओ की मौत

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लम्पी वायरस से गुजरात के 16 जिले प्रभावित , 1000 से अधिक पशुओ की मौत

| Updated: July 23, 2022 16:51

  • कृषि एवं पशुमंत्री राघव जी ने VOI कहा प्रभावित जिलों में भेजी है विशेष टीम
  • मुख्यमंत्री ने दिए पशु निदेशक को रोकथाम के निर्देश

लम्पी वायरस से गुजरात के पशुपालक परेशान हैं , उनकी जिंदगी के आधार पशुओं की मौत हो रही है। राज्य सरकार ने विशेष टीकाकरण अभियान शुरू किया है लेकिन पशुओं की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। गुजरात के कृषि और पशुपालन मंत्री राघव जी पटेल कहते हैं “राज्य सरकार इसे लेकर गंभीर है , सभी प्रभावित 16 जिलों में टीम भेजी गयी है। सौराष्ट्र और कच्छ सबसे ज्यादा प्रभावित शहर इलाके हैं। मुख्यमंत्री ने भी पशु विभाग को निर्देश दिए है , हेल्पलाइन शुरू की गयी है। ” लेकिन इन सबके बावजूद लम्पी वायरस से पशुओं की मौत का सिलसिला नहीं रुक रहा है ,खास तौर से दुधारू पशुओं का।

गुजरात के 11 जिलों में यह खतरनाक वायरस जानवरों की जिंदगी तबाह कर रहा है. सौराष्ट्र कच्छ में लम्पी वायरस से 10 44 मवेशियों की मौत हो चुकी है। सौराष्ट्र कच्छ के 536 गांवों में लम्पी वायरस का असर दिखाई दे रहा है।

ग्रामीण दहशत में हैं। अगर एक भी मवेशी इस वायरस से संक्रमित हो जाए तो उसे मरने में देर नहीं लगती । इसके लिए गुजरात सरकार ने युद्धस्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है।

राजकोट के 26 गांवों की 172 गायों में गांठ के लक्षण दिख रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इतने दुधारू मवेशी लम्पी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। सौराष्ट्र कच्छ में अब तक 40 ,900 मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है। राजकोट जिला पंचायत द्वारा लम्पी हेल्पलाइन शुरू की गई है। हालांकि जिला पंचायत समेत विभागों को टीकाकरण बढ़ाने की जरूरत है।

इन 16 जिलों में फैला ढेलेदार वायरस


वर्तमान में राज्य के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के 16 जिलों में इस बीमारी के लक्षण देखे गए हैं, जिसमें देवभूमि-द्वारका, जामनगर, कच्छ, राजकोट, पोरबंदर , सुरेंद्रनगर, जूनागढ़, मोरबी, भावनगर, अमरेली का समावेश है , दक्षिण गुजरात के सूरत में भी वायरस पाया गया है।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दिए पशुपालक को अतिरिक्त टीम भेजने के निर्देश

, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कच्छ और जामनगर जिलों में महामारी के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय करने के विशेष निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने पशुपालन निदेशक को पशुओं को मौत को रोकने के लिए रोग के उपचार और पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए इन दोनों जिलों में पर्याप्त टीकाकरण, दवाओं की मात्रा के साथ अतिरिक्त चिकित्सा दल तत्काल भेजने के निर्देश दिए हैं. अन्य जिलों के पशु चिकित्सकों की अतिरिक्त टीमों से भी इन प्रभावित जिलों में तत्काल टीकाकरण और निवारक उपाय करने का आग्रह किया गया है।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल ने वाइब्स ऑफ इंडिया से कहा लम्पी वायरस से निपटने के लिए राज्य की ओर से व्यापक टीकाकरण और सघन इलाज मुहैया कराया जा रहा है। राज्य ज्य में इस समय पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध है सौराष्ट्र और कच्छ में करीब 3 लाख मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है। जानवरों में इस बीमारी के लक्षण पाए जाने पर हेल्पलाइन नंबर 1962 पर संपर्क करने के लिए पशुपालकों से आग्रह किया गया है।

लम्पी वायरस क्या है?

ढेलेदार त्वचा रोग एक वायरल रोग है
यह मच्छरों, मक्खियों, जूँओं, ततैया आदि से फैलता है और रोगग्रस्त जानवरों, दूषित भोजन और पानी के सीधे संपर्क से भी फैलता है।
इस रोग के लक्षण पशुओं में सामान्य बुखार, आंख और नाक से स्राव, मुंह से लार आना, पूरे शरीर में ट्यूमर जैसे कोमल छाले, दूध उत्पादन में कमी और खाना बंद कर देना या खाने में कठिनाई है.

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